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लूका 17:20-37

लूका 17:20-37 HINOVBSI

जब फरीसियों ने उससे पूछा कि परमेश्‍वर का राज्य कब आएगा, तो उसने उनको उत्तर दिया, “परमेश्‍वर का राज्य दृश्य रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे, ‘देखो, यहाँ है, या वहाँ है।’ क्योंकि देखो, परमेश्‍वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।” फिर उसने चेलों से कहा, “वे दिन आएँगे, जिनमें तुम मनुष्य के पुत्र के दिनों में से एक दिन को देखना चाहोगे, और नहीं देखने पाओगे। लोग तुम से कहेंगे, ‘देखो, वहाँ है!’ या ‘देखो, यहाँ है!’ परन्तु तुम चले न जाना और न उनके पीछे हो लेना। क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ। जैसा नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही मनुष्य के पुत्र के दिनों में भी होगा। जिस दिन तक नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते–पीते थे, और उनमें विवाह होते थे। तब जल–प्रलय ने आकर उन सब को नष्‍ट किया। और जैसा लूत के दिनों में हुआ था कि लोग खाते–पीते, लेन–देन करते, पेड़ लगाते और घर बनाते थे;* परन्तु जिस दिन लूत सदोम से निकला, उस दिन आग और गन्धक आकाश से बरसी और सब को नष्‍ट कर दिया। मनुष्य के पुत्र के प्रगट होने के दिन भी ऐसा ही होगा। “उस दिन जो छत पर हो और उसका सामान घर में हो, वह उसे लेने को न उतरे; और वैसे ही जो खेत में हो वह पीछे न लौटे। लूत की पत्नी को स्मरण रखो! जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, और जो कोई उसे खोए वह उसे जीवित रखेगा। मैं तुम से कहता हूँ, उस रात दो मनुष्य एक खाट पर होंगे; एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा। दो स्त्रियाँ एक साथ चक्‍की पीसती होंगी, एक ले ली जाएगी और दूसरी छोड़ दी जाएगी। [दो जन खेत में होंगे, एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ा जाएगा।]” यह सुन उन्होंने उस से पूछा, “हे प्रभु यह कहाँ होगा?” उसने उनसे कहा, “जहाँ लोथ है, वहाँ गिद्ध इकट्ठे होंगे।”

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