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यशायाह 49

49
इस्राएल, जाति–जाति के लिये प्रकाश
1हे द्वीपो, मेरी ओर कान लगाकर सुनो; हे दूर दूर के राज्यों के लोगो, ध्यान लगाकर मेरी सुनो। यहोवा ने मुझे गर्भ ही में से बुलाया, जब मैं माता के पेट में था, तब ही उसने मेरा नाम बताया।#यिर्म 1:5 2उसने मेरे मुँह को चोखी तलवार के समान बनाया#इब्रा 4:12; प्रका 1:16 और अपने हाथ की आड़ में मुझे छिपा रखा; उसने मुझ को चमकीला तीर बनाकर अपने तर्कश में गुप्‍त रखा; 3और मुझ से कहा, “तू मेरा दास इस्राएल है, मैं तुझ में अपनी महिमा प्रगट करूँगा।” 4तब मैं ने कहा, “मैं ने तो व्यर्थ परिश्रम किया, मैं ने व्यर्थ ही अपना बल खो दिया है; तौभी निश्‍चय मेरा न्याय यहोवा के पास है और मेरे परिश्रम का फल मेरे परमेश्‍वर के हाथ में है।”
5अब यहोवा जिसने मुझे जन्म ही से इसलिये रचा कि मैं उसका दास होकर याकूब को उसकी ओर लौटा ले आऊँ अर्थात् इस्राएल को उसके पास इकट्ठा करूँ, क्योंकि यहोवा की दृष्‍टि में मैं आदरयोग्य हूँ और मेरा परमेश्‍वर मेरा बल है, 6उसी ने मुझ से यह भी कहा है, “यह तो हलकी सी बात है कि तू याकूब के गोत्रों का उद्धार करने और इस्राएल के रक्षित लोगों को लौटा ले आने के लिये मेरा सेवक ठहरे; मैं तुझे जाति–जाति के लिये ज्योति ठहराऊँगा कि मेरा उद्धार पृथ्वी की एक ओर से दूसरी ओर तक फैल जाए।”#यशा 42:6; लूका 2:32; प्रेरि 13:47; 26:23
7जो मनुष्यों से तुच्छ जाना जाता, जिस से जातियों को घृणा है, और जो अपराधियों का दास है, उससे इस्राएल का छुड़ानेवाला और उसका पवित्र अर्थात् यहोवा यों कहता है, “राजा उसे देखकर खड़े हो जाएँगे और हाकिम दण्डवत् करेंगे; यह यहोवा के निमित्त होगा, जो सच्‍चा और इस्राएल का पवित्र है और जिस ने तुझे चुन लिया है।”
यरूशलेम का पुन: निर्माण
8यहोवा यों कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, उद्धार करने के दिन मैं ने तेरी सहायता की है;#2 कुरि 6:2 मैं तेरी रक्षा करके तुझे लोगों के लिये एक वाचा ठहराऊँगा, ताकि देश को स्थिर#49:8 मूल में, बहाल करे और उजड़े हुए स्थानों को उनके अधिकारियों के हाथ में दे दे; 9और, बन्दियों से कहे, ‘बन्दीगृह से निकल आओ;’ और जो अन्धियारे में हैं उनसे कहे, ‘अपने आप को दिखलाओ#49:9 मूल में, अपने को प्रगट करो ।’ वे मार्गों के किनारे किनारे पेट भरने पाएँगे, सब मुण्डे टीलों पर भी उनको चराई मिलेगी। 10वे भूखे और प्यासे न होंगे, न लूह और न घाम उन्हें लगेगा, क्योंकि, वह जो उन पर दया करता है, वही उनका अगुवा होगा, और जल के सोतों के पास उन्हें ले चलेगा।#प्रका 7:16,17 11मैं अपने सब पहाड़ों को मार्ग बना दूँगा, और मेरे राजमार्ग ऊँचे किए जाएँगे। 12देखो, ये दूर से आएँगे, और ये उत्तर और पश्‍चिम से और सीनियों के देश से आएँगे।” 13हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृथ्वी, मगन हो; हे पहाड़ो, गला खोलकर जयजयकार करो! क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को शान्ति दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है।
14परन्तु सिय्योन ने कहा, “यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है।” 15“क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपीते बच्‍चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हाँ, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता। 16देख, मैं ने तेरा चित्र अपनी हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्‍टि के सामने बनी रहती है। 17तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं और खण्डहर बनानेवाले और उजाड़नेवाले तेरे बीच से निकले जा रहे हैं। 18अपनी आँखें उठाकर चारों ओर देख, वे सब के सब इकट्ठे होकर तेरे पास आ रहे हैं। यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की शपथ, तू निश्‍चय उन सभों को गहने के समान पहिन लेगी, तू दुल्हिन के समान अपने शरीर में उन सब को बाँध लेगी।
19“तेरे जो स्थान सुनसान और उजड़े हैं, और तेरे जो देश खण्डहर ही खण्डहर हैं, उन#49:19 मूल में, तुझ में अब निवासी न समाएँगे, और तुझे नष्‍ट करनेवाले दूर हो जाएँगे। 20तेरे पुत्र जो तुझ से ले लिए गए#49:20 मूल में, तेरे लड़कों के जाते रहने के बेटे वे फिर तेरे कान में कहने पाएँगे, ‘यह स्थान हमारे लिये छोटा है, हमें और स्थान दे कि उसमें रहें।’ 21तब तू मन में कहेगी, ‘किसने इनको मेरे लिये जन्माया? मैं तो पुत्रहीन और बाँझ हो गई थी, दासत्व में और यहाँ वहाँ मैं घूमती रही, इनको किसने पाला? देख, मैं अकेली रह गई थी; फिर ये कहाँ थे?’ ”
22प्रभु यहोवा यों कहता है, “देख, मैं अपना हाथ जाति जाति के लोगों की ओर उठाऊँगा, और देश देश के लोगों के सामने अपना झण्डा खड़ा करूँगा; तब वे तेरे पुत्रों को अपनी गोद में लिए आएँगे, और तेरी पुत्रियों को अपने कन्धे पर चढ़ाकर तेरे पास पहुँचाएँगे। 23राजा तेरे बच्‍चों के निज–सेवक और उनकी रानियाँ दूध पिलाने के लिये तेरी धाइयाँ होंगी। वे अपनी नाक भूमि पर रगड़कर तुझे दण्डवत् करेंगे और तेरे पाँवों की धूल चाटेंगे। तब तू यह जान लेगी कि मैं ही यहोवा हूँ; मेरी बाट जोहनेवाले कभी लज्जित न होंगे।”
24क्या वीर के हाथ से शिकार छीना जा सकता है? क्या दुष्‍ट के बन्दी छुड़ाए जा सकते हैं? 25तौभी यहोवा यों कहता है, “हाँ, वीर के बन्दी उस से छीन लिए जाएँगे, और दुष्‍ट का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा, क्योंकि जो तुझ से लड़ते हैं उन से मैं आप मुक़द्दमा लड़ूँगा, और तेरे बाल–बच्‍चों का मैं उद्धार करूँगा। 26जो तुझ पर अन्धेर करते हैं उनको मैं उन्हीं का मांस खिलाऊँगा, और वे अपना लहू पीकर ऐसे मतवाले होंगे जैसे नये दाखमधु से होते हैं। तब सब प्राणी जान लेंगे कि तेरा उद्धारकर्ता यहोवा और तेरा छुड़ानेवाला, याकूब का शक्‍तिमान मैं ही हूँ।”

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