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इब्रानियों 11:20-40

इब्रानियों 11:20-40 HINOVBSI

विश्‍वास ही से इसहाक ने याकूब और एसाव को आनेवाली बातों के विषय में आशीष दी। विश्‍वास ही से याकूब ने मरते समय यूसुफ के दोनों पुत्रों में से एक एक को आशीष दी, और अपनी लाठी के सिरे पर सहारा लेकर दण्डवत् किया। विश्‍वास ही से यूसुफ ने, जब वह मरने पर था, तो इस्राएल की सन्तान के निकल जाने की चर्चा की, और अपनी हड्डियों के विषय में आज्ञा दी। विश्‍वास ही से मूसा के माता पिता ने उसको, उत्पन्न होने के बाद तीन महीने तक छिपा रखा, क्योंकि उन्होंने देखा कि बालक सुन्दर है, और वे राजा की आज्ञा से न डरे। विश्‍वास ही से मूसा ने सयाना होकर फ़िरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्कार किया। इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्‍वर के लोगों के साथ दु:ख भोगना अधिक उत्तम लगा। उसने मसीह के कारण निन्दित होने को मिस्र के भण्डार से बड़ा धन समझा, क्योंकि उसकी आँखें फल पाने की ओर लगी थीं। विश्‍वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उसने मिस्र को छोड़ दिया, क्योंकि वह अनदेखे को मानो देखता हुआ दृढ़ रहा। विश्‍वास ही से उस ने फसह और लहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करनेवाला इस्राएलियों पर हाथ न डाले। विश्‍वास ही से वे लाल समुद्र के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्रियों ने वैसा ही करना चाहा तो सब डूब मरे। विश्‍वास ही से यरीहो की शहरपनाह, जब वे सात दिन तक उसका चक्‍कर लगा चुके, तो वह गिर पड़ी। विश्‍वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा न माननेवालों के साथ नष्‍ट नहीं हुई, इसलिये कि उसने भेदियों को कुशल से रखा था। अब और क्या कहूँ? क्योंकि समय नहीं रहा कि गिदोन का, और बाराक और शिमशोन का, और यिफतह का, और दाऊद और शमूएल का, और भविष्यद्वक्‍ताओं का वर्णन करूँ। इन्होंने विश्‍वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएँ प्राप्‍त कीं; सिंहों के मुँह बन्द किए; आग की ज्वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले; निर्बलता में बलवन्त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया। स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवित पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए और छुटकारा न चाहा, इसलिये कि उत्तम पुनरुत्थान के भागी हों। कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने वरन् बाँधे जाने, और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए। पथराव किए गए; आरे से चीरे गए; उनकी परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में, और क्लेश में, और दु:ख भोगते हुए भेड़ों और बकरियों की खालें ओढ़े हुए, इधर–उधर मारे मारे फिरे; और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे। संसार उनके योग्य न था। विश्‍वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तौभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली। क्योंकि परमेश्‍वर ने हमारे लिये पहले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुँचें।

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