YouVersion Logo
Search Icon

यहेजकेल 29

29
मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी
1 # यशा 19:1–25; यिर्म 46:2–26 दसवें वर्ष के दसवें महीने के बारहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा : 2“हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख मिस्र के राजा फ़िरौन की ओर करके उसके और सारे मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर; 3यह कह, परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : हे मिस्र के राजा फ़िरौन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे बड़े मगर, तू जो अपनी नदियों के बीच पड़ा रहता है, जिसने कहा है, ‘मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है।’ 4मैं तेरे जबड़ों में आँकड़े डालूँगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊँगा, और तेरी खाल में चिपटी हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझ को तेरी नदियों में से निकालूँगा। 5तब मैं तुझे तेरी नदियों की सारी मछलियों समेत जंगल में निकाल दूँगा, और तू मैदान में पड़ा रहेगा; किसी भी प्रकार से तेरी सुधि न ली जाएगी#29:5 मूल में, तू न तो इकट्ठा किया जाएगा और न बटोरा जाएगा । मैं ने तुझे वनपशुओं और आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया है।
6“तब मिस्र के सारे निवासी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे तो इस्राएल के घराने के लिये नरकट की टेक ठहरे थे।#यशा 36:6 7जब उन्होंने तुझ पर हाथ का बल दिया तब तू टूट गया और उनके कंधे उखड़ ही गए, और जब उन्होंने तुझ पर टेक लगाई, तब तू टूट गया, और उनकी कमर की सारी नसें चढ़ गईं। 8इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है : देख, मैं तुझ पर तलवार चलवाकर, तेरे मनुष्य और पशु, सभों का नाश करूँगा। 9तब मिस्र देश उजाड़ ही उजाड़ होगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
“तू ने कहा है, ‘मेरी नदी मेरी अपनी ही है, और मैं ही ने उसे बनाया।’ 10इस कारण देख, मैं तेरे और तेरी नदियों के विरुद्ध हूँ और मिस्र देश को मिग्दोल से लेकर सवेने तक वरन् कूश देश की सीमा तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा। 11चालीस वर्ष तक उसमें मनुष्य या पशु का पाँव तक न पड़ेगा; और न उसमें कोई बसेगा। 12चालीस वर्ष तक मैं मिस्र देश को उजड़े हुए देशों के बीच उजाड़ कर रखूँगा; और उसके नगर उजड़े हुए नगरों के बीच खण्डहर ही रहेंगे। मैं मिस्रियों को जाति जाति में छिन्न–भिन्न कर दूँगा, और देश देश में तितर–बितर कर दूँगा।
13“परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : चालीस वर्ष के बीतने पर मैं मिस्रियों को उन जातियों के बीच से इकट्ठा करूँगा, जिनमें वे तितर–बितर हुए; 14और मैं मिस्रियों को बँधुआई से छुड़ाकर पत्रास देश में, जो उनकी जन्मभूमि है, फिर पहुँचाऊँगा; और वहाँ उनका छोटा–सा राज्य हो जाएगा। 15वह सब राज्यों में छोटा होगा, और फिर अपना सिर और जातियों के ऊपर न उठाएगा; क्योंकि मैं मिस्रियों को ऐसा घटाऊँगा कि वे जाति–जाति पर फिर प्रभुता न करने पाएँगे। 16वह फिर इस्राएल के घराने के भरोसे का कारण न होगा, क्योंकि जब वे फिर उनकी ओर देखने लगें, तब वे उनके अधर्म को स्मरण करेंगे। तब वे जान लेंगे कि मैं परमेश्‍वर यहोवा हूँ।”
राजा नबूकदनेस्सर मिस्र को पराजित करेगा
17फिर सत्ताइसवें वर्ष के पहले महीने के पहले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा : 18“हे मनुष्य के सन्तान, बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर को घेरने में#29:18 मूल में, सोर के विरुद्ध अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर गंजा हो गया, और हर एक के कन्धों का चमड़ा छिल गया; तौभी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मज़दूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को। 19इस कारण परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : देख, मैं बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर को मिस्र देश दूँगा, और वह उसकी भीड़ को ले जाएगा, और उसकी धन सम्पत्ति को लूटकर अपना कर लेगा; अत: यही मज़दूरी उसकी सेना को मिलेगी। 20मैं ने उसके परिश्रम के बदले में उसको मिस्र देश इस कारण दिया है कि उन लोगों ने मेरे लिये काम किया था, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।
21“उसी समय मैं इस्राएल के घराने का एक सींग उगाऊँगा, और उनके बीच तेरा मुँह खोलूँगा। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।”

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy