YouVersion Logo
Search Icon

2 इतिहास 36

36
यहूदा में यहोआहाज का राज्य
(2 राजा 23:30–35)
1तब देश के लोगों ने योशिय्याह के पुत्र यहोआहाज को लेकर उसके पिता के स्थान पर यरूशलेम में राजा बनाया। 2जब यहोआहाज राज्य करने लगा, तब वह तेईस वर्ष का था, और तीन महीने तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। 3तब मिस्र के राजा ने उसको यरूशलेम में राजगद्दी से उतार दिया, और देश पर सौ किक्‍कार#36:3 अर्थात्, लगभग 3.75 टन चाँदी और किक्‍कार#36:3 अर्थात्, लगभग 34 किलोग्राम भर सोना जुरमाने में दण्ड लगाया। 4तब मिस्र के राजा ने उसके भाई एल्याकीम को यहूदा और यरूशलेम का राजा बनाया और उसका नाम बदलकर यहोयाकीम रखा; परन्तु नको उसके भाई यहोआहाज को मिस्र में ले गया।#यिर्म 22:11,12
यहूदा में यहोयाकीम का राज्य
(2 राजा 23:36—24:7)
5जब यहोयाकीम राज्य करने लगा, तब वह पच्‍चीस वर्ष का था, और ग्यारह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। उसने वह काम किया, जो उसके परमेश्‍वर यहोवा की दृष्‍टि में बुरा है।#यिर्म 22:18,19; 26:1–6; 35:1–19 6उस पर बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने चढ़ाई की, और बेबीलोन ले जाने के लिये उसको पीतल की बेड़ियाँ पहना दीं।#यिर्म 25:1–38; 36:1–32; 45:1–5; दानि 1:1,2 7फिर नबूकदनेस्सर ने यहोवा के भवन के कुछ पात्र बेबीलोन ले जाकर, अपने मन्दिर#36:7 अथवा महल में जो बेबीलोन में था, रख दिए। 8यहोयाकीम के और काम और उसने जो जो घिनौने काम किए, और उसमें जो जो बुराइयाँ पाई गईं, वह इस्राएल और यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखी हैं; और उसका पुत्र यहोयाकीन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
यहूदा में यहोयाकीन का राज्य
(2 राजा 24:8–17)
9जब यहोयाकीन राज्य करने लगा, तब वह आठ#36:9 कुछ हस्तलेखों में अठारह वर्ष का था, और तीन महीने और दस दिन तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। उसने वह किया, जो परमेश्‍वर यहोवा की दृष्‍टि में बुरा है। 10नये वर्ष के लगते ही नबूकदनेस्सर ने लोगों को भेजकर, उसे और यहोवा के भवन के मनभावने पात्रों को बेबीलोन में मँगवा लिया, और उसके भाई सिदकिय्याह को यहूदा और यरूशलेम पर राजा नियुक्‍त किया।#यिर्म 22:24–30; 24:1–10; 29:1,2; 37:1; यहेज 17:12,13
यहूदा में सिदकिय्याह का राज्य
(2 राजा 24:18–20; यिर्म 52:1–3)
11जब सिदकिय्याह राज्य करने लगा, तब वह इक्‍कीस वर्ष का था, और यरूशलेम में ग्यारह वर्ष तक राज्य करता रहा।#यिर्म 27:1–22; 28:1–17 12उसने वही किया जो उसके परमेश्‍वर यहोवा की दृष्‍टि में बुरा है। यद्यपि यिर्मयाह नबी यहोवा की ओर से बातें कहता था, तौभी वह उसके सामने दीन न हुआ। 13फिर नबूकदनेस्सर जिसने उसे परमेश्‍वर की शपथ खिलाई थी, उससे उसने बलवा किया, और उसने हठ किया#36:13 मूल में, अपनी गर्दन कठोर की और अपना मन कठोर किया, कि वह इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की ओर न फिरे।#यहेज 17:15
यरूशलेम का पतन
(2 राजा 25:1–21; यिर्म 52:3–11)
14सब प्रधान याजकों ने और लोगों ने भी अन्य जातियों के से घिनौने काम करके बहुत बड़ा विश्‍वासघात किया, और यहोवा के भवन को जो उसने यरूशलेम में पवित्र किया था, अशुद्ध कर डाला।
15उनके पूर्वजों के परमेश्‍वर यहोवा ने बड़ा यत्न करके#36:15 मूल में, तड़के उठ उठकर अपने दूतों से उनके पास कहला भेजा, क्योंकि वह अपनी प्रजा और अपने धाम पर तरस खाता था; 16परन्तु वे परमेश्‍वर के दूतों को ठट्ठों में उड़ाते, उसके वचनों को तुच्छ जानते, और उसके नबियों की हँसी करते थे। अत: यहोवा अपनी प्रजा पर ऐसा झुँझला उठा कि बचने का कोई उपाय न रहा।
17तब उसने उन पर कसदियों के राजा से चढ़ाई करवाई, और इस ने उनके जवानों को उनके पवित्र भवन ही में तलवार से मार डाला; और क्या जवान, क्या कुँवारी, क्या बूढ़े, क्या पक्‍के बालवाले, किसी पर भी कोमलता न की; यहोवा ने सभों को उसके हाथ में कर दिया।#यिर्म 21:1–10; 34:1–5 18क्या छोटे, क्या बड़े, परमेश्‍वर के भवन के सब पात्र और यहोवा के भवन, और राजा, और उसके हाकिमों के खजाने, इन सभों को वह बेबीलोन में ले गया। 19कसदियों ने परमेश्‍वर का भवन फूँक दिया, और यरूशलेम की शहरपनाह को तोड़ डाला, और आग लगा कर उसके सब भवनों को जलाया, और उसमें का सारा बहुमूल्य सामान नष्‍ट कर दिया। 20जो तलवार से बच गए, उन्हें वह बेबीलोन को ले गया, और फारस के राज्य के प्रबल होने तक वे उसके और उसके बेटों–पोतों के अधीन रहे। 21यह सब इसलिये हुआ कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुँह से निकला था, वह पूरा हो, कि देश अपने विश्राम कालों में सुख भोगता रहे। इसलिये जब तक वह सूना पड़ा रहा तब तक अर्थात् सत्तर वर्ष के पूरे होने तक उसको विश्राम मिला।#यिर्म 25:11; 29:10
राजा कुस्रू के शासन–काल में यहूदियों की वापसी
(एज्रा 1:1–4)
22फारस के राजा कुस्रू के पहले वर्ष में यहोवा ने उसके मन को उभारा कि जो वचन यिर्मयाह के मुँह से निकला था, वह पूरा हो। इसलिये उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया, और इस आशय की चिट्ठियाँ लिखवाईं : 23“फारस का राजा कुस्रू कहता है, ‘स्वर्ग के परमेश्‍वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसी ने मुझे आज्ञा दी है कि यरूशलेम जो यहूदा में है उसमें मेरा एक भवन बनवा;#यशा 44:26 इसलिये हे उसकी प्रजा के सब लोगो, तुम में से जो कोई चाहे, उसका परमेश्‍वर यहोवा उसके साथ रहे, वह वहाँ रवाना हो जाए#36:23 मूल में, चढ़े।’ ”

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy