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भजन संहिता 62:5, 8

भजन संहिता 62:5 HINCLBSI

मेरा प्राण शान्‍ति से परमेश्‍वर की प्रतीक्षा करता है, क्‍योंकि मेरी आशा उसी से है।

भजन संहिता 62:8 HINCLBSI

लोगो, हर समय परमेश्‍वर पर ही भरोसा करो। उसके सम्‍मुख अपना हृदय उण्‍डेल दो, परमेश्‍वर ही हमारे लिए शरण-स्‍थल है। सेलाह

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