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फिलिप्पी 2:3-4

फिलिप्पी 2:3-4 एस सी ए

सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।

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फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।फिलिप्पी 2:3-4 - सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपनआप ले उत्तम समझव। तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।