उतपत्ती 50:20
उतपत्ती 50:20 एस सी ए
तुम्हर इरादा मोर संग हानि करे के रिहिस, पर परमेसर ह एकर दुवारा भलई करे के बिचार करिस, जऊन ह अब बहुंते झन के जिनगी बचाय के दुवारा पूरा होवत हे।
तुम्हर इरादा मोर संग हानि करे के रिहिस, पर परमेसर ह एकर दुवारा भलई करे के बिचार करिस, जऊन ह अब बहुंते झन के जिनगी बचाय के दुवारा पूरा होवत हे।