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यशायाह 55:10-11

यशायाह 55:10-11 HSS

क्योंकि जिस प्रकार बारिश और ओस आकाश से गिरकर भूमि को सींचते हैं, जिससे बोने वाले को बीज, और खानेवाले को रोटी मिलती है, वैसे ही मेरे मुंह से निकला शब्द व्यर्थ नहीं लौटेगा: न ही उस काम को पूरा किए बिना आयेगा जिसके लिये उसे भेजा गया है.

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यशायाह 55:10-11 - क्योंकि जिस प्रकार बारिश और ओस
आकाश से गिरकर भूमि को सींचते हैं,
जिससे बोने वाले को बीज,
और खानेवाले को रोटी मिलती है,
वैसे ही मेरे मुंह से निकला शब्द व्यर्थ नहीं लौटेगा:
न ही उस काम को पूरा किए बिना आयेगा
जिसके लिये उसे भेजा गया है.यशायाह 55:10-11 - क्योंकि जिस प्रकार बारिश और ओस
आकाश से गिरकर भूमि को सींचते हैं,
जिससे बोने वाले को बीज,
और खानेवाले को रोटी मिलती है,
वैसे ही मेरे मुंह से निकला शब्द व्यर्थ नहीं लौटेगा:
न ही उस काम को पूरा किए बिना आयेगा
जिसके लिये उसे भेजा गया है.