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याक़ूब 3:17
किताब-ए मुक़द्दस
आसमान की हिकमत फ़रक़ है। अव्वल तो वह पाक और मुक़द्दस है। नीज़ वह अमनपसंद, नरमदिल, फ़रमाँबरदार, रहम और अच्छे फल से भरी हुई, ग़ैरजानिबदार और ख़ुलूसदिल है।
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याक़ूब 3:13
क्या आपमें से कोई दाना और समझदार है? वह यह बात अपने अच्छे चाल-चलन से ज़ाहिर करे, हिकमत से पैदा होनेवाली हलीमी के नेक कामों से।
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याक़ूब 3:18
और जो सुलह कराते हैं उनके लिए रास्तबाज़ी का फल सलामती से बोया जाता है।
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याक़ूब 3:16
क्योंकि जहाँ हसद और ख़ुदग़रज़ी है वहाँ फ़साद और हर शरीर काम पाया जाता है।
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याक़ूब 3:9-10
ज़बान से हम अपने ख़ुदावंद और बाप की सताइश भी करते हैं और दूसरों पर लानत भी भेजते हैं, जिन्हें अल्लाह की सूरत पर बनाया गया है। एक ही मुँह से सताइश और लानत निकलती है। मेरे भाइयो, ऐसा नहीं होना चाहिए।
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याक़ूब 3:6
ज़बान भी आग की मानिंद है। बदन के दीगर आज़ा के दरमियान रहकर उसमें नारास्ती की पूरी दुनिया पाई जाती है। वह पूरे बदन को आलूदा कर देती है, हाँ इनसान की पूरी ज़िंदगी को आग लगा देती है, क्योंकि वह ख़ुद जहन्नुम की आग से सुलगाई गई है।
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याक़ूब 3:8
लेकिन ज़बान पर कोई क़ाबू नहीं पा सकता, इस बेताब और शरीर चीज़ पर जो मोहलक ज़हर से लबालब भरी है।
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याक़ूब 3:1
मेरे भाइयो, आपमें से ज़्यादा उस्ताद न बनें। आपको मालूम है कि हम उस्तादों की ज़्यादा सख़्ती से अदालत की जाएगी।
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