सरीर रा कांम तो सांमै है, ज्यूं व्यभिचार, भूंडा कांम अर लुचापणो। मूरती पूजा, टोटका, बैर, झगड़ा, रीस, विरोध, सवारथ, फूट अर अधरम। मन में रीस, नसो अर भोग विलास जैड़ा घणा कांम है जिणरै बारै में म्हैं थांनै पैला कैह दियौ हो। ऐड़ा कांम करण वाळा परमेसर रा राज में वारिस नीं होवैला।