ओ नीं, की म्हौ अपणै आप ऊं इण लायक है, की अपणी तरफ ऊं किणी बात रौ विचार कर सकौ। पण म्हौरी योग्यता परमेसर री तरफ ऊं है। उणै म्हौ नै नई वाचा रै सेवक होणै रै लायक भी किया। आ वाचा लिख्योड़ी व्यवस्था री कोनीं पण पवितर आतमा री है। लिख्योड़ी व्यवस्था मौत नै पैदा करै है मगर पवितर आतमा जीवन दैवै है।