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रोमियों 2:3-4
नवीन हिंदी बाइबल
HSB
हे मनुष्य, तू जो ऐसे कार्य करनेवालों पर दोष लगाता है और स्वयं उन्हीं कार्यों को करता है, क्या तू यह सोचता है कि तू परमेश्वर के दंड से बच जाएगा? अथवा क्या तू यह नहीं समझता कि परमेश्वर की कृपा तुझे पश्चात्ताप की ओर ले जाती है? और क्या तू उसकी कृपा और सहनशीलता और धैर्य के धन को तुच्छ जानता है?
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रोमियों 2:1
अतः हे दोष लगानेवाले, तू जो भी हो, निरुत्तर है; क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है, उसी में स्वयं को भी दोषी पाता है, इसलिए कि तू जिस बात का दोष लगाता है वही करता है।
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3
रोमियों 2:11
क्योंकि परमेश्वर किसी का पक्षपात नहीं करता।
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4
रोमियों 2:13
(क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में व्यवस्था के सुननेवाले नहीं, बल्कि व्यवस्था का पालन करनेवाले धर्मी ठहराए जाएँगे।
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5
रोमियों 2:6
वह प्रत्येक को उसके कार्यों के अनुसार प्रतिफल देगा
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6
रोमियों 2:8
परंतु जो स्वार्थी हैं और सत्य को नहीं मानते बल्कि अधर्म पर चलते हैं, उन पर प्रकोप और क्रोध पड़ेगा।
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7
रोमियों 2:5
परंतु तू अपनी कठोरता और अपश्चात्तापी मन के कारण प्रकोप के दिन के लिए, जब परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रकट होगा, अपने प्रति प्रकोप इकट्ठा कर रहा है।
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