परह् पंण्मिश्वर का धन्यबाद हों, जू मसीया दी सदा आँमों खे जय की खुशी दे नियों फिरह्, अरह् आप्णें ज्ञाँन की खुष्बू अमाँरे जाँणें ढिक्को हर जागे दी फईलाऐ दियो। किन्देखे के आँमें पंण्मिश्वर के नंजीक मुँक्त्ति पाँणों वाल़े, अरह् नाँष हंणों वाल़े दुई खे मसीया के खुष्बू असो।