ईन्देंखे आँमें भे पंण्मिश्वर का धन्यबाद सदा कर्दे रंह्, के जबे अमाँरे जाँणें पंण्मिश्वर की खुषख्बरी का बचन तुँओं कैई पईचा, तअ तुँऐं तेसी आदमी का ने; परह् पंण्मिश्वर का बचन जाँणा, (अरह् सत्तिखे ऐ ऐष्णों ही असो) तुँऐं भे माँनों; अरह् से तुँओं बिश्वाषी मुँझी जू बिश्वाष थंह्, ऐक दब-दबा बंणा अंदा रंह्।