“‘जान वणा लोगाँ ने किदे,
थाँ हुणो तो खरी, पण हमेजो कोयने,
थाँ देको तो खरी पण थाँने हूजी कोयने,
काँके अणा लोगाँ को मन गाटो
अन वाँने हुणाबो बन्द वेग्यो हे,
अन वणा आपणी आक्याँ ने बन्द कर नाकी,
अस्यान ने वेतो तो वीं आक्याँऊँ देकता
अन कान्दड़ाऊँ हूणता
अन मनऊँ हमजन
वीं मारा आड़ी फरता
अन मूँ वाँने हव करतो।’”