बस्वास्या की टोळी का मुखिया न्अ नरदोष अर सबळी बराई सुं अछुतो होणो चायजे। क्युं क जिन्अ परमेसर का मुनीम को काम सुंप्यो गियो छ, उन्अ घमण्डी, अडोक्ला अर दारू पिबाळो कोन्अ होणो चायजे। उन्अ रयाड़ करबाळो, पिसा को लोभी कोन्अ होणी चायजे पण उन्अ तो आवभगत करबाळो, भलाई न्अ चाहबाळो, खुदन्अ बसम्अ रांखबाळो, धरमी, भगत अर कायदा मं रेबाळो होणो चायजे।