म्हारी परमेसर सुं अरदास छ क थांका मन की आंख्या खुल जाव्अ जिसुं थे जाण सको क जी आस ताणी थान्अ वो बलायो छ अर जी पांती न्अ वो खुदका सबळा पवितर मनखा न्अ देव्अलो, बा कतरी महान अर अनमोल छ। अर थे या बी जाण सको क आपा बस्वास्या ताणी बीकी सक्ती कतरी अणोती छ। मसी न्अ मरया मंसुं फेरू जीवतो करर बीका राज मं खुदकी जीवणी-बगल मं बठाण्बा मं ज्यो सक्ती काम करी छ बाई सक्ती आपा मं बी काम कर'री छ। मसी सबळा बड़ा राजा, अधिकारी, सक्त्यां अर मालिक अर हरेक नांऊ क उपरअ छ। जिको ओहदो ई जुग मंई नही पण आबाळा जुग मं बी सबळा सुं उपरअ छ।