याद रखाणज्यो आखरी दना मं आपण्अ उपरअ घणीबरी बगत आवली। लोगबाग लालची, स्वार्थी, अभिमानी, अपराधी, परमेसर की बराई करबाळा, माई-बाप की कोन सुणबाळा, बना दीया का, अपवितर बना परेम का, बना छमा, बराई करबाळा, असंयमी, जंगळी, ज्योबी चोखो छ उंका बिरोधी, बस्वासघाती, बना समझहाळा, अहंकार सुं भर्यो अर परमेसर का परेमी होबा की बेई सुखहाळा हो जाव्अला। वे धरम को दखावो तो करअला पण उंक्अ माईन्अ की सक्ती बेई नट जाव्अला। वांसु सदा आंतरअ रिज्यो।