अर परमेसर बस्वास्या की टोळी मं न्यारा-न्यारा मनखा न्अ थरप्यो छ, पहला न्अ थरपेड़ा चेला, दूसरा न्अ परमेसर की ओड़ी सुं बोलबा को, तीसरा न्अ सखाबा को अर कोई न्अ सक्ति का काम करबा को, अर कोई न्अ नीका करबा को, अर कोई न्अ सायता करबा को, अर कोई न्अ बेवस्ता करबा को तो कोई न्अ न्यारी-न्यारी बोली बोलबा को काम सुंप्यो छ।