थे सुणता तो रेहस्यो, पण समजस्यो कोनी, अर देखता तो रेहस्यो, पण सुजसी कोनी। क्युं क आ मिनखा को हियो मोटो अर कान भार्या होगा, अर बे आपकी आँख्या मीच राखी ह। अंय्यां नइ होतो तो बे आपकी आँख्याऊँ देखता अर कानाऊँ सुणता अर मनऊँ समजता अर मन बदलर मेर कनै आता, अर म बानै निरोगो करतो।’