तब सिमसोन ह अपन जम्मो भेद ला ओकर आघू म खोलत कहिस, “मोर मुड़ म उस्तरा कभू नइं चलाय गे हवय, काबरकि मेंह अपन दाई के पेट ले ही परमेसर ला समरपित एक नाजीर अंव। यदि मोर मुड़ के बाल के मुंडन कर दिये जाही, त मोर ताकत ह चले जाही, अऊ मेंह कोनो आने मनखे सहीं कमजोर हो जाहूं।”