“जब कोनो धरमी जन अपन धरमीपन ले फिरके दुस्ट काम करथे, अऊ मेंह ओकर आघू म ठोकर खाय के चीज धर देथंव, त ओह मरही, काबरकि तेंह ओला नइं चेताय, एकरसेति ओह अपन पाप म मरही। अऊ जऊन धरमी काम ओह करे होही, ओला सुरता नइं करे जावय, अऊ मेंह तोला ओकर खून बर जिम्मेदार ठहिराहूं।