एकरसेति, कल इही बेरा म, मेंह करा के अइसन आंधी पठोहूं, जइसन कि मिसर के नीव डारे के दिन ले लेके अब तक कभू नइं आय हवय। एकरसेति अब हुकूम देके अपन पसु अऊ जऊन कुछू खेतमन म हवय, ओ जम्मो ला सुरकछित जगह म करवा ले, काबरकि हर ओ मनखे अऊ पसु, जऊन मन नइं लाय जाहीं अऊ खेत म रहिहीं, ओमन ऊपर करा गिरही, अऊ ओमन मर जाहीं।’ ”