काबरकि तोर मन ह उत्तरदायी होईस अऊ तेंह यहोवा के आघू म अपनआप ला नम्र करय, जब तेंह ये जगह अऊ इहां के मनखेमन के बिरूध कहे गय मोर बात ला सुनय—कि ओमन एक सराप बन जाहीं अऊ ओमन उजड़ जाहीं—अऊ काबरकि तेंह अपन ओनहा ला चीरय अऊ मोर आघू म रोवय, त मेंह घलो तोर बात ला सुनेंव, यहोवा ह घोसना करत हे।