का तुमन नइं जानव कि दुस्ट मनखेमन परमेसर के राज के वारिस नइं हो सकंय? धोखा झन खावव। न तो छिनारी करइया, न मूरती-पूजा करइया, न दूसर के माईलोगन संग बेभिचार करइया, न पुरूस बेस्या, न समलैंगिक, न चोर, न लोभी, न मतवार, न बदनामी करइया अऊ न तो धोखेबाजमन परमेसर के राज के वारिस होहीं।