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परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )Mfano

परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )

SIKU 13 YA 14

इस्राएल– आत्मिक सूखापन

अतिरिक्त अध्ययनः गिनती की पुस्तक

हर कोई समृद्धि चाहता है। कुछ ही हैं जो आत्मा की समृद्धि चाहते हैं। परमेश्वर के चुने हुए लोग होने तथामिस्र की सम्पत्ति का एक बड़ा हिस्सा अपने साथ ले जाने के बावजूद, इस्राएल आत्मिक दुर्बलता के लक्षण से पीड़ित था।

मूसा के बाद, अगुवाई की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती गई। भजन 78 में परमेश्वर और उसके इस्राएल के बीच का संघर्ष, आज परमेश्वर और उसकी कलीसिया के बीच के संघर्ष को दर्शाता है।यह निरंतर विद्रोह के बावजूद पश्चाताप की थोड़ी सी आवाज़ पर परमेश्वर कि ओर से तुरन्त प्रतिउत्तर और छोटे से विश्वास के प्रगटीकरण पर परमेश्वर के सामर्थी हाथ को दर्शाता है। परमेश्वर के न्याय की तलवार तब ही गिरती है जब वह अपने लोगों को वापस लाने के लिए उन्हें एक सीमा तक दबाता है। “परन्तुहमारे बापदादों ने उस की मानना न चाहा; वरन उसे हटाकर अपने मन मिस्त्र की ओर फेरे” (प्रेरितों 7:39)। सभी बाहरी आवश्यकताओं की खोज करने के बाद, उनके हृदय खाली हैं। यीशु भी धोखाधड़ी का खुलासा करते हैं। “ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन मुझ से दूर रहता है।” मत्ती 15:8

परिणाम - आत्मिक सूखापन। “उन्होंने परमेश्वर की परीक्षा की। तब उसने उन्हें मुँह माँगा वर तो दिया, परन्तु उनके प्राण को सुखा दिया।” भजन 106:14,15

यदि हम अपने रवैये और “सांसारिक” अभिलाषाओं के प्रति “सूखे” नहीं हैं तो हमारेभीतर अपने रवैये और परमेश्वर की इच्छा के प्रति सूखापन पाया जाएगा। आत्मिक सूखापन किसी भी व्यक्ति मेंहोने वाली सबसे खतरनाक बीमारी है ।

क्या भौतिक समृद्धि हानिकारक है? जवाब है हाँ और नहीं। यह केवल तब हानिकारक हो सकती है जब इसे आत्मिक समृद्धि से पहले रखा जाए। यूहन्ना की इच्छा हैः “जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही सब बातों में उन्नति करे और भला चंगा रहे” 3यूहन्ना1:2। ए. डब्ल्यू. टोजर ने प्रतिबिंबित किया कि “मसीहियों की सम्पूर्ण नई पीढ़ी यह विश्वास करने लगी है कि संसार को छोड़े बिना यीशु को स्वीकर करना संभव है।”

एक वर्ष स्टैंडर्ड मानक तेल कंपनी के पास पासाडेना रोज परेड में एक अति सुन्दर नाव थी। परेड के बीच में नाव का इंधन समाप्त हो गया।आज कलीसिया की भी यही स्थिति है, जो लौदीकिया की कलीसिया को प्रगटकरती है। “तू कहता है कि मैं धनी हूँ और धनवान हो गया हूँ और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं; और यह नहीं जानता कि तू अभागा और तुच्छ और कंगाल और अंधा और नंगा है।” (प्रकाशितवाक्य 3:15-17) भौतिक समृद्धि को हमेशा आत्मिक समृद्धि से एक कदम पीछे होना चाहिए।

यदि यह आत्मिक समृद्धि से समझौता करती है तो क्या हम भौतिक समृद्धि का त्याग करने के लिए तैयार हैं? क्या सच्चे व् बहुतायत के जीवन और स्थिर समृद्धि का आनन्द लेने के लिए हमारी आत्माओं में कोई ऐसा सूखापन है जिसे हमें भरने की आवश्यकता है?

Kuhusu Mpango huu

परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )

पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।

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