यीशु के सम्मुखनमूना

यीशु के सम्मुख

दिन 29 का 40

"हेप्रभु,मैंविश्वासकरताहूँ,मेरेअविश्वासकाउपायकर" बाइबल में सबसे छोटी प्रार्थनाओं में से एक हो सकती है और एकसाधारणव्यक्ति द्वारा की जाने वाली सबसे ईमानदार प्रार्थनाओं में से एक हो सकती है। इसव्यक्तिने अपने बेटे कोदुष्टात्माद्वाराउत्पीड़न के कारण कई वर्षों तक पीड़ित देखा था। वह एक चमत्कार के लिए बेताब था और फिर भी हमारी तरह उसे संदेह था कि यीशुउसकेबच्चे को हमेशा के लिएछुटकारादेदेंगेया नहीं।यीशु ने अशुद्ध आत्मा को निकालकर अपनी सामर्थ को साबित किया और उसे कभी न वापिस आने की आज्ञा दी।क्या अधिकार औरसामर्थहै। यहहमारेपरमेश्वरहैं। वहआजभीऐसाहीहै! हम अक्सर जानते हैं किपरमेश्वरकुछ भी करसकतेहैं, फिर भी हमारा अविश्वासबीचमेंआ जाता है। यह अविश्वास उस सफलता के लिए वर्षों की प्रतीक्षा या पुरानी पीड़ा के कारण आ सकता है। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण हो सकता है कि हम अपने विश्वास केरचनेवालेके पास आएं औरविनम्रतापूर्वक उससे हमारे अविश्वास की मदद करने के लिए कहें। केवल वहीमाहौलकेकारणबदलतेविश्वास कोनयाऔरबहालकर सकतेहैं।

अपने आप से पूछने के लिए प्रश्न
क्या मेरा विश्वास डगमगातीअवस्थामेंहै?
क्या मेरे चमत्कार से मुझे अपने प्रार्थनाकेजीवन को उस तरह बढ़ाने की ज़रूरत हो सकती है जैसेचेलोंको इस स्थिति के लिए ज़रूरत थी?

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

यीशु के सम्मुख

उपवास काल का समय हमारे अनन्त परमेश्वर से जुड़ी परिचित सच्चाईयों पर पुनः विचार करने का एक अतुल्य समय रहता है]जिसने हमारे बीच में और हम में डेरा किया। हमारी यह कामना है कि इस बाइबल योजना के द्वारा] आप 40 दिनों में प्रतिदिन परमेश्वर के वचन में अपना कुछ समय व्यतीत करेगें जो यीशु मसीह को बिल्कुल नये स्तर पर जानने में आपकी अगुवाई करता है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वी आर सिय्योन को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.instagram.com/wearezion.in/