मसीह एक धर्मात्मा (परमेश्वर-मनुष्य): कुंवारी से जन्म ले ने पर पड़ने वाला प्रभाव Exemple

क्योंकि देहधारण-मसीह के द्वारा मनुष्य का रूप और देह धारण करना- मसीही विश्वास के लिए अति महत्वपूर्ण है,इसलिए मैं चाहता हूं कि हम सबसे पहले गैर बाइबलीयदृष्टिकोणों का मूल्यांकन करें।
- "यीशु का जन्म सामान्य तरीके से पैदा हुए-अर्थात मरियम और परमेश्वर के बीच शारीरिक सम्बन्ध स्थापित हुए थे।" कुंवारी से जन्म लेने के प्रति यह अपमान जनक विचार के कारण सभी ठोकर खाते हैं। बहुत से मुसलमान सोचते हैं कि मसीहियोंकी मान्यता त्रीएकता में परमेश्वर पिता, मरियम,और उसके वंशज यीशु शामिल हैं। उनके लिए यह एक अश्लील और गंदी बात है। वे सोचते है त्रीएकता का सिद्धान्त में पुत्र को जन्म देने के लिए परमेश्वर को एक मनुष्य अर्थात नारी के साथ में सहवास करना जरूरी है। उनका यह विचार गलत है। वे मसीहियों पर एक मनुष्य को परमेश्वर बनाकर उपासना करने का दोष लगाते हैं। इस सन्दर्भ में, वे ठीक हैं।
- "यीशु का जन्म सामान्य तरीके से हुआ-उसके अभिभावक मनुष्य थे।" जो भी लोग इस विचार को मानते हैं वे कहते हैं कि यीशु एक स्त्री-पुरूष के शारीरिक सम्बन्धों का परिणाम है। इसके अलावा जो लोग यीशु के समय के निकट रहे,वे उसे एक बलात्कारीरोमी सैनिक की अवैध सन्तान मानते हैं।
ये अपवित्र दृष्टिकोण हमें क्रोधित कर देते हैं,लेकिन हमें उनसे हैरान नहीं होना चाहिए।मनुष्य इस तरह के अविश्वसनीय रहस्य के बारे में और क्या कर सकता है?यहां तक कि यूसुफ,जो कि मरियम का मंगेतर व धर्मी व्यक्ति था उसके मन में आम आदमियों के समान प्रश्न थे। वह निष्कपट था। वह जानता था एक बच्चा किस तरह पैदा होता है। मरियम स्वयं भी स्वर्गदूत के अभिवादन को सुनकर हैरान थी (लूका 1:29)और उसने ईमानदारी से एक प्रश्न पूछाः"यह क्योंकर होगा,मैं उस तो पुरूष को जानती ही नहीं, अर्थात मैं तो कुंवारी हूं?"(लूका 1:34)।
जब तक आप एक ऐसे परमेश्वर की उपासना नहीं करते हैं जिसके लिए "कोई भी कार्य कठिन नहीं है"(लूका 1:37)और वह मनुष्य के इतिहास में रूची नहीं रखता या उसमें शामिल नहीं होता तब तक बच्चों के गर्भ में पढ़ने का केवल एक ही तरीका है। यूसुफ और मरियम इस तरह से परमेश्वर पर भरोसा करते थे-अर्थात एक पवित्र सृष्टिकर्ता और एक प्रेमी उद्धारकर्ता पर जिसने अपने लोगों को पापों से बचाने के लिए लज्जित होना और गलतफहमियों का शिकार होने का जोखिम उठाया (मत्ती 1:21)।
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À propos de ce plan

छह दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH (वैश्विक स्तर पर सुसमाचार सुनाने वाली सेवकाई) के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, जो हमें मसीह की ईश्वरीयता और उसकी मानवता से सम्बन्धित समयोचित प्रकाशन प्रदान करेगें। अपने हृदय को कुवांरी से जन्म लेने तथा मसीही जीवन में इसके आशय के महत्व पर चिन्तन करते हुए क्रिमसस के पर्व को मनाने के लिए तैयार करें।
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