बच्चों के लिए बाइबिलUkázka

बहुत दिन पहले परमेश्वर ने देवदूत गैब्रियल को मेरी नामक एक प्यारी युवा यहूदी कुँवारी के पास भेजा। उसने उनसे कहा, “तुम्हें एक बेटा होगा जो यीशु के नाम से जाना जाएगा। वह परमेश्वर की संतान कहलाएगा। वह सदा के लिए शासन करेगा।”
“ऐसा कैसे संभव हो सकता है?” लड़की ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा। “मैं अबतक किसी भी पुरुष के साथ नहीं रही हूँ।” देवदूत ने मेरी से कहा कि बच्चे परमेश्वर का दिया होगा। कोई मानव उसका पिता नहीं होगा।
उस देवदूत ने मेरी से कहा कि उनकी चचेरी बहन एलिजाबेथ को बुढ़ापे में एक बच्चा हुआ था। यह भी एक चमत्कार ही था। जल्द ही मेरी एलिजाबेथ से मिली। उनदोनों ने परमेश्वर से प्रार्थना किया।
मेरी का जोसेफ नामक एक व्यक्ति से शादी हेतु सगाई हुई। जोसेफ यह जानकर उदास था कि मेरी को बच्चा होनेवाला है। वह सोच रहा था कि कोई और ही बच्चे का पिता है।
परमेश्वर के देवदूत ने एक दिन जोसेफ को सपने में कहा कि यह बच्चा परमेश्वर की संतान है। यीशु की देखभाल करने में जोसेफ मेरी की सहायता करता था।
जोसेफ परमेश्वर का आज्ञाकारी और उनमें विश्वास रखता था। वह अपने देश के कानून का भी पालन करता था। नये कानून के कारण कर भुगतान करने हेतु वह और मेरी अपने गृहशहर बेथेलहम छोड़ दिया।
मेरी बच्चे पाने को तैयार थी। पर जोसेफ को कहीं भी एक कमरा नहीं मिल सका। सभी सराय भरे हुए थे।
अंततः जोसेफ को एक अस्तबल मिला। जहाँ यीशु का जन्म हुआ। माँ ने उसे एक नाद में लिटा दिया, एक ऐसा जगह जहाँ जानवरों का खाना रखा जाता था।
नजदीक ही, गड़ेड़िया अपने सोए हुए भेंड़ों की रखवाली करता था। परमेश्वर का देवदूत वहाँ उपस्थित हुआ और उन्हें एक अद्भुत समाचार कहा। “यहाँ डेविड के शहर में आज एकमुक्तिदाता शिशु का जन्म हुआ है जो परमेश्वर का मसीह है। तुम उस बच्चे को नाद में लेटा हुआ पा सकते हो।”
शीघ्र ही बहुत सारे उज्ज्वल देवदूत दिखायी दिए और वे सभ परमात्मा का प्रार्थना करते हुए कह रहा था, “पृथ्वी पर शांति के लिए परमेश्वर का गौरव उच्चतम है, मनुष्य के लिए अच्छा होनेवाला है।”
वह गड़ेड़िया दौड़कर अस्तबल गया। उस बच्चे को देखने के बाद यीशु के संबंध में देवदूत द्वारा कही गई बातों के बारे में उन्होंने सबों से कहा।
चालीस दिनों के बाद जोसेफ और मेरी यीशु को येरूशलम के एक मंदिर में ले आए। वहाँ साइमन नामक एक व्यक्ति बच्चे के लिए परमेश्वर से प्रार्थना किया, जबकि बूढ़े अन्ना तथा परमेश्वर के अन्य सेवकों ने धन्यवाद दिया। दोनों जानते थे कि यीशु परमात्मा की संतान है, वचनबद्ध मुक्तिदाता। जोसेफ ने दो पक्षियों की बलि दी। यह परमेश्वर का नियम था कि किसी भी गरीब को नवजात शिशु हो तो वह ऐसा करे।
कुछ समय बाद एक खास चतुर व्यक्ति उनको येरूशलम के एक पूर्वी प्रान्त का रास्ता दिखाया। “वह कहाँ है जो ज्यूस का राजा पैदा हुआ है?” उसने कहा। “हमलोग उसकी पूजा करना चाहते हैं।”
राजा हेरोद उस चतुर व्यक्ति के संबंध में सुना। उसने उनसे कहा कि वो जब भी यीशु को देखे, मुझे कहे। “मैं भी उसकी पूजा करना चाहता हूँ।” हेरोद ने कहा। किन्तु वह झूठ बोल रहा था। हेरोद यीशु को मारना चाहता था।
यह खास बुद्धिमान व्यक्ति का यही वो घर था जहाँ मेरी और जोसेफ अपने बच्चे के साथ रहते थे। घुटने मोड़कर प्रार्थना करते हुए यात्रियों ने यीशु को सोने और इत्र का कीमती उपहार दिया।
परमेश्वर ने बुद्धिमान व्यक्ति को चेतावनी दिया कि वह गुपचुप अपने घर वापस हो जाए। हेरोद आगबबूला था। वह यीशु को बर्बाद कर देने पर अटल था, वह सनकी शासक बेथेलहम के सभी नवजात शिशुओं को मार दिया था।
किन्तु हेरोद परमेश्वर की संतान का कुछ भी नहीं बिगाड़ सका! सपने में एक चेतावनी पाकर, जोसेफ मेरी और यीशु की सुरक्षा के लिए मिस्र चला गया।
जब हेरोद मर गया तब जोसेफ मेरी और यीशु को मिस्र से वापस लाया। वह गैलिली समुद्र के निकट, नजारेथ नामक एक छोटे से शहर में रहने लगा।
समाप्त
O tomto plánu

ये सब कैसे शुरु हुआ? हम कहां से आए थे? दुनिया में इतनी दुःख क्यों है? क्या कोई उम्मीद है? क्या मृत्यु के बाद जीवन है? जैसे ही आप दुनिया के इस सच्चे इतिहास को पढ़ते हैं, जवाब पाएं।
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