ऐक नाँम माल मालिऐ दे बादे दाव लाँव, सेजे भे तेसी ताजो की ताँईऐं जू नाँष बाँन असो; परह् आँमें तअ तियों माँली जित्तणों खे दाव लाँव जू जीवन को मुँकुट-ताज असो, अरह् ना कोद्दी नाष होंदो। हाँव बिना तारगैट के आदमी जेष्णाँ ने दऊँड़्दा; हाँव बागुरी दी मुँकिऐ ने लाँदा।