लूक़ा 31:24-32
लूक़ा 31:24-32 URHCV
तब उन की आंखें खुल गईं और उन्होंने हुज़ूर को पहचान लिया, और येसु उन की नज़रों से ग़ायब हो गये। उन्होंने आपस में कहा, “क्या हमारे दिल जोश से नहीं भर गये थे जब वह रास्ते में हम से बातें कर रहे थे और हमें किताब-ए-मुक़द्दस से बातें समझा रहे थे।”





