शादी में पैसे की बातें: प्यार से, बिना झगड़े केनमूना

📅 दिन 5: एकता में आगे बढ़ना
“दो लोग एक से अच्छे हैं... अगर उनमें से एक गिर जाए तो दूसरा उसे उठाएगा।”
📖 मुख्य पाठ: सभोपदेशक 4:9-10
“दो लोग एक से अच्छे हैं... अगर उनमें से एक गिर जाए तो दूसरा उसे उठाएगा।”
✒️ परिचय
पांच दिनों में आपने कुछ कठिन लेकिन ज़रूरी बातें की हैं—पैसों की बातें। आपने ईमानदारी, नम्रता और योजना बनाने जैसे मुद्दों को छुआ है। अब सवाल ये है: आगे कैसे बढ़ें?
सभोपदेशक कहता है कि दो लोग मिलकर ज़्यादा हासिल कर सकते हैं, और अगर एक गिर जाए, तो दूसरा उसे उठा सकता है। यही शादी का असली मतलब है—एक-दूसरे की ताकत बनना।
आर्थिक रूप से एकजुट होना सिर्फ़ बैंक बैलेंस की बात नहीं है। ये एक-दूसरे के सपनों, सीमाओं और उम्मीदों में साझेदार बनने की बात है। और जब आप ये सब परमेश्वर के साथ करते हैं, तो आपकी एकता और गहरी हो जाती है।
💡 आज का अभ्यास
- बैठकर एक-दूसरे को एक encouraging बात कहें: “मैं तुम्हारे साथ इस सफर में हूँ।”
- साथ में प्रार्थना करें कि आने वाले दिनों में भी ये एकता बनी रहे।
🙏 प्रार्थना
प्रभु,
हमें एकता में आगे बढ़ना सिखा। जब हम थक जाएं, तो हमें संभाल; जब हम भटक जाएं, तो हमें मार्ग दिखा। हमारी बातचीत, योजनाओं और फैसलों में तू ही केंद्र बना रहे।
यीशु के नाम में, आमीन।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

पैसों पर बात करना आसान नहीं होता — खासकर शादी में। कई जोड़े इस टॉपिक से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे झगड़े होंगे या असहजता आएगी। लेकिन बाइबल हमें दिखाती है कि जब हम ईमानदारी, नम्रता और समझदारी से बात करते हैं, तो रिश्ते और मजबूत होते हैं। इस 5-दिन के प्लान में आप सीखेंगे कि कैसे आप और आपके जीवनसाथी मिलकर आर्थिक एकता में चल सकते हैं — बिना तनाव, सिर्फ प्यार और समझ के साथ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Comunidade Verbum को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: linktr.ee/eufacastroo