शादी में पैसे की बातें: प्यार से, बिना झगड़े केनमूना

📅 दिन 3: नम्रता और समझदारी के साथ चलना
📖 मुख्य पाठ: फिलिप्पियों 2:3
“स्वार्थ या घमंड से कुछ न करें, बल्कि नम्रता से एक-दूसरे को अपने से अच्छा समझें।”
✒️ परिचय
कई बार जब पैसों की बात आती है, तो हम में से कोई एक ज़्यादा कंट्रोल चाहता है, और दूसरा खुद को दबा हुआ महसूस करता है। इससे मनमुटाव बढ़ता है। लेकिन परमेश्वर हमें एक बेहतर रास्ता दिखाता है: नम्रता का।
फिलिप्पियों 2:3 में लिखा है कि हमें अपने जीवनसाथी को अपने से ऊपर मानना चाहिए। जब आप उसकी राय, भावनाएं और प्राथमिकताओं को सम्मान देते हैं, तो आप रिश्ते को मजबूत बनाते हैं।
वित्तीय बातचीत एक "जीत-हार" की लड़ाई नहीं है। ये एक साझेदारी है, जहां दोनों एक-दूसरे की सुनते हैं, समझते हैं और साथ मिलकर फैसला लेते हैं।
💡 आज का अभ्यास
- अपने जीवनसाथी से पूछिए: "क्या तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारी राय का सम्मान करता/करती हूँ?"
- जब वो जवाब दे, तो बीच में न बोलें — सिर्फ सुनें।
🙏 प्रार्थना
हे प्रभु,
हमारे दिलों को नम्र बना, ताकि हम एक-दूसरे को सुन सकें, समझ सकें और बिना घमंड के निर्णय ले सकें। हमें तेरे समान बनने दे — जो सेवा करने आया, न कि शासन करने।
यीशु के नाम में, आमीन।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

पैसों पर बात करना आसान नहीं होता — खासकर शादी में। कई जोड़े इस टॉपिक से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे झगड़े होंगे या असहजता आएगी। लेकिन बाइबल हमें दिखाती है कि जब हम ईमानदारी, नम्रता और समझदारी से बात करते हैं, तो रिश्ते और मजबूत होते हैं। इस 5-दिन के प्लान में आप सीखेंगे कि कैसे आप और आपके जीवनसाथी मिलकर आर्थिक एकता में चल सकते हैं — बिना तनाव, सिर्फ प्यार और समझ के साथ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Comunidade Verbum को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: linktr.ee/eufacastroo