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लेवीय व्‍यवस्‍था 6

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1 # 6:1 मूल में अध्‍याय 5:20 प्रभु मूसा से बोला,#नि 22:7-15; गण 5:5-8 2‘यदि कोई व्यक्‍ति पाप करता है, धरोहर अथवा अमानत के सम्‍बन्‍ध में या चोरी के द्वारा अपने देश-भाई अथवा बहिन को धोखा देकर प्रभु के प्रति विश्‍वास-भंग करता है, अथवा यदि उसने अपने देश-भाई अथवा बहिन पर अत्‍याचार किया है, 3या खोई हुई वस्‍तु को पाकर उसके विषय में झूठ बोला है, झूठी शपथ खाई है, अर्थात् इन समस्‍त कार्यों में से एक कार्य भी करने के कारण पाप करता है, 4तो जब वह पाप करके दोषी हो जाता है तब जो उसने लूटा था, अथवा अत्‍याचार करके प्राप्‍त किया था, या उसके पास रखी गई धरोहर, अथवा खोई हुई वस्‍तु जो उसने पाई थी; 5या जिस वस्‍तु के विषय में उसने झूठी शपथ खाई थी, इन सबको वह लौटाएगा। वह इनकी पूरी-पूरी क्षति-पूर्ति करेगा, और उसमें पांचवां भाग जोड़कर अपनी दोष-बलि के दिन उस व्यक्‍ति को देगा, जिसको वह देय है। 6वह अपनी दोष-बलि के रूप में रेवड़ में से एक निष्‍कलंक मेढ़ा पुरोहित के पास प्रभु के सम्‍मुख लाएगा। मेढ़ा उतने ही मूल्‍य का होगा जितना पुरोहित दोष-बलि का निश्‍चित करेगा। 7पुरोहित उस व्यक्‍ति के हेतु प्रभु के सम्‍मुख प्रायश्‍चित करेगा; इन समस्‍त कार्यों में से उस एक कार्य के लिए जिसके द्वारा वह दोषी हो गया था, उसे क्षमा प्राप्‍त होगी।’
विविध बलि के भिन्न-भिन्न नियम
8 # 6:8 मूल में अध्‍याय 6:1 प्रभु मूसा से बोला, 9‘हारून और उसके पुत्रों को यह आदेश दे : यह अग्‍नि-बलि की व्‍यवस्‍था है। अग्‍नि-बलि भट्टी के ऊपर रातभर तथा सबेरे तक वेदी पर रहेगी। वेदी की अग्‍नि उसमें जलती रहेगी। 10पुरोहित अपना सूती वस्‍त्र तथा शरीर पर सूती जांघिया पहिनेगा। तत्‍पश्‍चात् वह वेदी पर की राख, जो अग्‍नि के द्वारा अग्‍नि-बलि को भस्‍म करके बनी है, उठाएगा और उसे वेदी की एक ओर रखेगा। 11तदुपरान्‍त वह अपने ये वस्‍त्र उतार कर दूसरे वस्‍त्र पहनेगा और राख को पड़ाव के बाहर किसी शुद्ध स्‍थान पर ले जाएगा। 12वेदी पर अग्‍नि निरन्‍तर जलती रहेगी; वह कभी न बुझने पाए। पुरोहित प्रतिदिन सबेरे उसपर लकड़ी जलाएगा, और अग्‍नि-बलि के टुकड़े उस पर सजाकर रखेगा। वह सहभागिता-बलि की चर्बी उस पर जलाएगा।#2 रा 16:15; यहेज 46:13; 2 मक 1:18-36 13वेदी पर अग्‍नि निरन्‍तर जलती रहेगी; वह कभी न बुझने पाए।
14‘यह अन्न-बलि की व्‍यवस्‍था है : हारून के पुत्र उसको वेदी के सामने, प्रभु के सम्‍मुख चढ़ाएंगे। 15उनमें से एक पुत्र अन्न-बलि का मुट्ठी भर तेल-सम्‍मिश्रित मैदा तथा अन्न-बलि के ऊपर रखा हुआ सारा लोबान लेगा, और इसको अन्न-बलि के स्‍मरण दिलाने वाले भाग के रूप में वेदी पर जलाएगा कि यह प्रभु को सुखद सुगन्‍ध हो। 16हारून और उसके पुत्र उसका शेष भाग खाएंगे। वह बिना खमीर डाले पवित्र स्‍थान में खाया जाएगा। वे उसको मिलन-शिविर के आंगन में खाएंगे। 17वह खमीर के साथ नहीं पकाया जाएगा। यह भाग मैंने अग्‍नि में अर्पित अपनी बलियों में से उनको प्रदान किया है। यह पाप-बलि तथा दोष-बलि के सदृश परम पवित्र है। 18हारून के वंश के सब पुरुष उसको खा सकते हैं। यह तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक स्‍थायी संविधि है कि प्रभु को अग्‍नि में अर्पित बलियों में से यह भाग पुरोहितों का होगा। जो बलि को स्‍पर्श करेगा, वह पवित्र हो जाएगा।’
19प्रभु मूसा से बोला, 20‘जिस दिन हारून का पुरोहित पद पर अभ्‍यंजन किया जाएगा उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ प्रभु को यह चढ़ावा चढ़ाएगा : एक किलो मैदा अन्न-बलि में निरन्‍तर चढ़ाएगा; उसका आधा भाग सबेरे और आधा भाग सन्‍ध्‍या के समय चढ़ाएगा। 21वह तवे पर तेल में पकाया जाएगा। जब वह तेल में तर हो जाए तब अन्न-बलि के पके हुए टुकड़े के रूप में उसे लाना, और प्रभु के लिए सुखद सुगन्‍ध के हेतु चढ़ाना। 22हारून के पुत्रों में से जो पुरोहित उसके स्‍थान पर अभ्‍यंजित होगा, वह भी स्‍थायी संविधि के अनुसार प्रभु को उसे अर्पित करेगा; उसका सम्‍पूर्ण भाग जलाया जाएगा। 23पुरोहित की सब अन्न-बलि पूर्णत: जलाई जाएगी। वह कभी नहीं खाई जाएगी।’
24प्रभु मूसा से बोला, 25‘तू हारून और उसके पुत्रों से बोलना, यह पाप-बलि की व्‍यवस्‍था है : जिस स्‍थान पर अग्‍नि-बलि के पशु का वध किया जाता है, उसी स्‍थान पर प्रभु के सम्‍मुख पाप-बलि के पशु का वध किया जाएगा। वह बलि परम पवित्र है।#यहेज 44:27 26उसको पाप के निमित्त चढ़ाने वाला पुरोहित खाएगा। वह पवित्र स्‍थान पर, मिलन-शिविर के आंगन में खाया जाएगा। 27जो कोई उसके मांस का स्‍पर्श करेगा, वह पवित्र हो जाएगा। यदि उसके रक्‍त के छींटे वस्‍त्र पर पड़ेंगे तो उस वस्‍त्र को जिस पर छींटे पड़ गए हैं, पवित्र स्‍थान पर धोना। 28जिस मिट्टी के पात्र में वह उबाला जाएगा, उसको तोड़ देना। किन्‍तु यदि वह कांस्‍य के पात्र में उबाला गया है तो वह मांजा और जल से धोया जाएगा। 29पुरोहितों के परिवार के सब पुरुष उसको खा सकते हैं। वह परम पवित्र है। 30किन्‍तु जिस पाप-बलि का रक्‍त पवित्र-स्‍थान पर प्रायश्‍चित के लिए मिलन-शिविर में लाया गया है, वह बलि नहीं खाई जाएगी वरन् आग में जलाई जाएगी।

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