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निर्गमन 2

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मूसा का जन्‍म
1लेवी वंशीय एक पुरुष ने लेवी कुल की एक कन्‍या से विवाह किया।#नि 6:20 2उसकी पत्‍नी गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्‍म दिया। जब उसने देखा कि बालक सुन्‍दर है, तो तीन महीने तक उसे छिपाये रखा।#इब्र 11:23 3पर जब वह बालक को और न छिपा सकी तब उसके लिए सरकण्‍डों की एक टोकरी ली। उसने टोकरी पर डामर और राल का लेप लगाया, और उसके भीतर बालक को रख दिया। तत्‍पश्‍चात् उसने टोकरी नील नदी के किनारे कांसों के मध्‍य में रख दी। 4बालक की बहिन यह देखने के लिए दूर खड़ी रही कि उसके साथ क्‍या होता है।
5फरओ की पुत्री नील नदी में स्‍नान करने आई। उसकी सहेलियां नदी के तट पर टहल रही थीं। फरओ की पुत्री ने कांसों के मध्‍य टोकरी देखी। उसने टोकरी लाने के लिए अपनी दासी को भेजा।#प्रे 7:21 6जब उसने उसको खोला तो एक बालक को देखा। वह रो रहा था। उसे बालक पर दया आई। उसने कहा, ‘यह इब्रानियों का कोई बच्‍चा है।’ 7बालक की बहिन ने फरओ की पुत्री से कहा, ‘क्‍या मैं जाकर आपके लिए इब्रानी धायों में से किसी स्‍त्री को बुलाऊं कि वह आपके हेतु बच्‍चे को दूध पिलाए?’ 8फरओ की पुत्री ने उससे कहा, ‘जा!’ लड़की गई और बालक की मां को बुला लायी। 9फरओ की पुत्री ने उससे कहा, ‘इस बच्‍चे को ले जाओ और मेरे हेतु इसको दूध पिलाओ। मैं तुम्‍हें मजदूरी दूंगी।’ अत: वह बालक को ले गयी और उसको दूध पिलाने लगी। 10जब बालक बड़ा हुआ, तब मां उसे लेकर फरओ की पुत्री के पास आई। फरओ की पुत्री ने बालक को अपना पुत्र मान लिया। उसने कहा, ‘मैंने इसे जल से निकाला है,’ इसलिए उसने बालक का नाम मूसा#2:10 अथवा ‘मोशे’, अर्थात् निकाला हुआ। रखा।
मूसा का मिद्यान देश भागना
11जब मूसा जवान हुए तब एक दिन यह घटना घटी। वह अपने जाति-भाइयों के पास गए। उन्‍होंने अपने जाति-भाइयों को भारी बोझ से लदे हुए देखा। उन्‍होंने यह भी देखा कि एक मिस्र निवासी उनके एक इब्रानी भाई को मार रहा है।#इब्र 11:24 12मूसा ने इधर-उधर दृष्‍टि दौड़ायी। जब कोई मनुष्‍य दिखाई नहीं दिया तब उन्‍होंने मिस्र-निवासी की हत्‍या कर दी और उसका शव रेत में छिपा दिया।
13जब मूसा दूसरे दिन बाहर गए, उन्‍होंने दो इब्रानियों को परस्‍पर लड़ते हुए देखा मूसा ने दोषी व्यक्‍ति से कहा, ‘तुम अपने ही भाई को क्‍यों मार रहे हो?’ 14वह बोला, ‘किसने आपको हमारे ऊपर मुखिया और न्‍यायाधीश नियुक्‍त किया है? क्‍या आप मुझे भी मार डालना चाहते हैं जैसे आपने मिस्र-निवासी को मार डाला था?’ मूसा डर गए। उन्‍होंने सोचा, ‘निस्‍संदेह, लोगों पर घटना का भेद खुल गया है।’#प्रे 7:35 15जब फरओ ने यह बात सुनी तब उसने मूसा का वध करने के लिए उनको खोजा। किन्‍तु वह फरओ के सम्‍मुख से भाग गए। वह मिद्यान देश में रहने लगे।
मूसा एक कुएं पर बैठे थे। 16मिद्यान देश के पुरोहित की सात पुत्रियां थीं। वे कुएं से पानी खींचने आईं। उन्‍होंने अपने पिता की भेड़-बकरियों को पानी पिलाने के लिए नांदों में पानी भरा।#उत 24:11; 29:10 17किन्‍तु चरवाहे आकर उन्‍हें हटाने लगे। तब मूसा उठे। उन्‍होंने पुरोहित की पुत्रियों की सहायता की और उनके रेवड़ को पानी पिलाया। 18वे अपने पिता रूएल के पास आईं। उसने पूछा, ‘आज तुम लोग इतने शीघ्र कैसे आ गईं?’ 19वे बोलीं, ‘एक मिस्र-निवासी पुरुष ने चरवाहों के हाथ से हमें मुक्‍त किया। उसने हमारे लिए पानी भी खींचा, और रेवड़ को पानी पिलाया।’ 20उसने अपनी पुत्रियों से पूछा, ‘वह कहां है? तुम उस पुरुष को क्‍यों छोड़ आईं? उसे बुलाओ कि वह हमारे साथ भोजन करे।’ 21मूसा रूएल के साथ रहने को सहमत हो गए। उसने मूसा के साथ अपनी पुत्री सिप्‍पोरा का विवाह कर दिया। 22वह गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्‍म दिया। मूसा ने कहा, ‘मैं विदेश में प्रवासी हूं’। इसलिए उन्‍होंने उसका नाम गेर्शोम#2:22 अर्थात् “वहाँ का प्रवासी” रखा।#नि 18:3
23अनेक वर्षों के बाद मिस्र देश के राजा की मृत्‍यु हो गई। इस्राएली बेगार के कारण कराहते थे। अत: वे सहायता के लिए चिल्‍लाने लगे। बेगार से उत्‍पन्न उनकी दुहाई परमेश्‍वर तक पहुंची। 24परमेश्‍वर ने उनका कराहना सुना। उसे अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्‍थापित अपने विधान का स्‍मरण हुआ।#उत 15:14 25परमेश्‍वर ने इस्राएलियों को देखा। उसने उनकी दुर्दशा पर ध्‍यान दिया।

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