धन्यवाद से परिपूर्ण जीवन जीना 预览

धन्यवाद से परिपूर्ण जीवन जीना

7天中的第7天

जैसे कि आप धन्यवाद पर इसलघुपठन योजना को समाप्त कर रहे हैं,मैं आपको कृतज्ञता की भावना पैदा करने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूँ।कृतघ्नता,गलत सोच और यहां तक ​​कि निराशा का एक निश्चित इलाज आपकी आशीषोंकी गिनती में है। एक महीने के लिए,मैं आपको एक दिन में दो या तीनआशीषलिखने के लिए आमंत्रित करता हूं।अकारण उपकार की प्राप्ति से आप अभिभूत होंगे।

यहाँ कुछ बाइबल आधारितश्रेणियां दी गई हैं जिनके अंतर्गत आप अपनी आशीषों को सूचीबद्ध कर सकते हैं:

·आध्यात्मिक आशीष (कुल. १:१२—ईश्वरीय विरासत के लिए;२ कुरि. ९:१५—पुत्र के लिए;इफि. ५:२०—प्रत्येक आत्मिक आशीष के लिए (तुलना करेंइफ. १-३);२ कुरि. २:१४—निरंतर आध्यात्मिक विजय के लिए)

·शारीरिक प्रावधान (व्यवस्थाविवरण ८:१०;भजन संहिता १०३:१-३;यूहन्ना ६:११)

·संबंधपरक संकल्प (कुल. ३:१५)

·दैनिक भोजन (भजन ६८:१९)

·सेवा के अवसर और फल (१ कुरि. १:१४-१५;१ तीमु. १:१२;प्रेरितों के काम २८:१५;१ थिस. ३:९)।

·कोई भी परिस्थिति (१ थिस. ५:१८)

यदि आप अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा की तलाश कर रहे हैं,तो धन्यवाद देने पर पौलुस की अनिवार्यता व्यापक और निरंतर है:“हर बात में धन्यवाद करो;क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्‍वर की यही इच्छा है।”(१थिस. ५:१८‌)।

धन्यवाद देना परिस्थितियों और अल्पकालिकता से परे आध्यात्मिकताऔर अनन्त तक जाता है। इसलिये,चाहे कुछ भी हो जाए,आप अनंत और आंतरिक आशीषों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद कर सकते हैं (इफि.५:२०)किसी भी अस्थायी परिस्थिति में (१थिस. ५:१८)।

साल भर,जीवन भर धन्यवाद देना,धन्यवाद के साथ जीवनयापन करनाकहा जा सकता है। "और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्‍वास में दृढ़ होते जाओ,और अधिकाधिक धन्यवाद करते रहो।”(कुलु.२:७)। धन्यवाद केजीवन यापन करनेमें धन्यवादीभावना,औरधन्यवादकहना औरधन्यवादकरनाशामिल है।

हमारे पास परमेश्वर के प्रति शत्रुतापूर्ण निर्भरता और धन्यवाद के साथ निर्भरता का चुनाव है – जो हमारा सृष्टिकर्ता,मुक्तिदाता और पालनकर्ता है। हम केवल धन्यवाद से क्रिसमस की ओर नहीं बढ़ते हैं।

यह केवल कैलेंडर पर दिखने वाला दृश्य है (जो हमारे लालच को भी खिला सकता है)। धन्यवाद देने से और अधिक धन्यवाद देना आता है – यह जीवन के बारे में एक मसीही दृष्टिकोण है। हम सभी अच्छे उपहारों के निर्माता और दाता परमेश्वर के प्रति लगातार अपना आभार व्यक्त करते हैं (१ तीमु.४:४;६:१७)। आइए हमारे पास जो कुछ है उसके लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें और अपनी जरूरत की हर चीज के लिए उस पर भरोसा करें। क्या आप धन्यवाद देने के एक नया तरीके कोशुरू करने में मेरे साथ शामिल होंगे—धन्यवादीजीवन यापन करना?

डॉ. रमेश रिचर्ड के सेवकाई के बारे मेंhttps://rreach.org पर और जानें।

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धन्यवाद से परिपूर्ण जीवन जीना

जीवनदाता और सभी आशीषों पर अपनी निर्भरता पर विचार करते हुए डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ हुए सात दिन बिताएं। वह RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं ,जो पासबान के दृष्टिकोण को रखते हुए बताएंगे कि जीवन में कृतज्ञता का कैसे अभ्यास करना चाहिए। आइए हम अपने पास पाई जाने वाली चीज़ों और सभी ज़रूरी चीज़ों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद व उस पर भरोसा करें।

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