परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )Egzanp

अब्राहम - ऊपर उड़नेवाला विश्वास
जिस समय में कुछ लोग परमेश्वर के लिए लगातार चमके, सभ्यता समृद्ध हुई और बढ़ी; उसी समय में बहुत से लोग परमेश्वर से दूर हो गए। यहोशू 24:2 हमें बताता है कि अब्राहम, जिसे प्रेम से विश्वास का पिता कहा जाता है,परमेश्वर के बुलाए जाने से पहले अन्य मत पर विश्वास करता था। परमेश्वर, जो हमेशा विश्वासयोग्य और अटल हैं, व्यक्तियों के माध्यम से जुड़ने से लेकर राष्ट्र के माध्यम से जुड़ने तक की अपनी योजना को विकसित करते हैं। वह अब्राहम को (तब वह अब्राम था), कसदियों के समृद्ध देश उर(आधुनिक इराक) से, उसके साठ के दशक में, निसंतान अवस्था से, इस्राएल का पिता होने के लिए बुलाते हैं।
अब्राहम उत्तर देने में समय लगाता है और अपने पिता के साथ हरान की ओर मुड़ जाता है। लगभग 75 वर्ष की आयु में जब उसके पिता की मृत्यु हो जाती है, तब वह अंततः परमेश्वर द्वारा निर्धारित दिशा में आगे बढ़ता और परमेश्वर की समृद्ध आशीषों का आनन्द लेता है। प्रतिज्ञा की हुई संतान का कोई संकेत न देख कर वह अपने 80 के दशक के मध्य में अपनी पत्नी की दासी के द्वारा इश्माएल को जन्म देता है। लगभग 100 वर्ष की आयु में जाकर उसके प्रतिज्ञा किये हुए पुत्र, इसहाक का जन्म होता है -अर्थात परमेश्वर द्वारा प्राप्त बुलाहट के 30 साल बाद।
इस बीच में हम देखते हैं कि उसका विश्वास शुरू में धराशायी हो गया था, क्योंकि वह अपनी पत्नी को पहले फिरौन और फिर अबीमेलेक के सामने अपनी बहन होने का नाटक करके उसे लगभग खो ही चुका था। लूत को अपने सामने विशाल संपत्ति का अपना हिस्सा चुनने की अनुमति देने में हम उसकी उदारता को देखते हैं। हम देखते हैं कि परमेश्वर बीच में रूक-रूक कर अपनी बुलाहट की पुष्टि करते हैं और उसकी गलतियों को ढंकते हुए, धीरे-धीरे उसके विश्वास को मज़बूत बनाते हैं।
दूसरी ओर लूत, अलग यात्रा की शुरूआत करता है जबकि वह उसी मिरास को साझा कर सकता था, लेकिन वह एक लम्बे रास्ते को अपनाता है जो अंततः उसके डगमगाने वाले विश्वास को ध्वस्त कर देता है।
इसहाक के पैदा होने के बाद, अब्राहम के विश्वास की अंतिम परीक्षा अपने बेटे को बलिदान करने के लिए परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने के लिए अपने मन को तैयार करने के द्वारा होती है। चुनी हुई जाति के पिता, हमारे विश्वास के पिता को एक छोटे से तरीके से, स्वर्गीय पिता के दर्द को साझा करने का अवसर दिया गया था, जिसने बहुत बाद में अपने पुत्र यीशु को मेरिय्याह पर्वत पर बलिदान किया।
पारिवारिक झगड़ों के कारण अब्राहम को इश्माएल को दूर भेजना पड़ा, लेकिन परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की वह उसे भी एक बड़ी जाति बनाएगा । यशायाह भविष्यवाणी करता है कि इश्माएल के वंशज पवित्र नगर में परमेश्वर की आराधना करने में एक हो जाएंगे (यशायाह 60:7)।
दशकों तक अपने विश्वास और अनुशासन में बने रहने केकारण उसके पुत्र इसहाक को विश्वास की विरासत मिली। लम्बे समय तक प्रतिक्षा करने के दौरान परमेश्वरः
- अब्राहम को प्रतिज्ञा किए गए देश में ले जाते हैं
- उसकी रक्षा करते हैं
- उसके विश्वास को बढ़ाते हैं
- उसकी सीमाओं को बढ़ाते हैं
- पड़ोसियों के साथ उसके समीकरण को मजबूत करते हैं
जब हम प्रतिक्षा करते हैं, परमेश्वर काम करते हैं ।क्या हम परमेश्वर की प्रतिज्ञा के पूरे होने की प्रतिक्षा करने के लिए तैयार हैं?
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पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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