पिन्तेकुस्त की तैयारीEgzanp

निर्गमन 32 : 27-28
तब मूसा ने उनसे कहा, “मैं तुम्हें बताऊँगा कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा क्या कहता है ‘हर व्यक्ति अपनी तलवार अवश्य उठा ले और डेरे के एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाये। तुम लोग इन लोगों को अवश्य दण्ड दोगे चाहे किसी व्यक्ति को अपने भाई, मित्र और पड़ोसी को ही क्यों न मारना पड़े।’” 32:28 लेवी के परिवार के लोगों ने मूसा का आदेश माना। उस दिन इस्राएल के लगभग तीन हज़ार लोग मरे।
प्रेरितो के काम 2:40-41
और बहुत से वचनों द्वारा उसने उन्हें चेतावनी दी और आग्रह के साथ उनसे कहा, “इस कुटिल पीढ़ी से अपने आपको बचाये रखो।” सो जिन्होंने उसके संदेश को ग्रहण किया, उन्हें बपतिस्मा दिया गया। इस प्रकार उस दिन उनके समूह में कोई तीन हज़ार व्यक्ति और जुड़ गये।
पहले पेंटेकोस्ट का अंत, आने वाले मुश्किल समय का आरम्भ प्रतीत होता है । यहाँ से व्यवस्था की शुरुवात हुई जब परमेश्वर ने मूसा को पत्थर की तख्तियां दी जिस पर परमेश्वर ने खुद अपने हाथ से आज्ञाएं लिखी थी। यह एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण घटना होनी चाहिए थी क्योंकि व्यवस्था परमेश्वर की इच्छाएं जो वह हमारे लिए रखता है, प्रकट करती है और यह परमेश्वर का ही अवतार है। लेकिन दुख की बात यह है कि जिस समय लोगों को इसका स्वागत करना था, उनमें से कई तो कानूनों को तोड़ रहे थे। और यह व्यवस्था पाप के लिए दी गई, भले ही पाप व्यवस्था देने से पहले ही जारी था । इसलिए इस व्यवस्था को पाप और मृत्यु की व्यवस्था के रूप में दर्शाया गया है । (रोमियों 8:2)।पौलुस हमें सिखाता है कि व्यवस्था भले ही कितनी अच्छी हो, हमारा पापी स्वभाव उसे तोड़ने और पाप करने के लिए उकसाता है। यह व्यवस्था पाप का लेखा जोखा रखने के लिए दी गई, भले ही पाप व्यवस्था देने से पहले ही से हुआ करता था।
इस व्यवस्था को देते समय तीन हजार लोगों मारे गए | यह व्यवस्था या यह कानून ऐसा कानून था, जो अच्छा तो था लेकिन हमारे पापी होने की हमेशा याद दिलाता रहता था और हमारी अक्षमता को प्रकट करता था कि हम अपने सामर्थ में पापों से नही बच सकतें। प्रेरितों के काम की पुस्तक में दूसरा पिन्तेकुस्त इसके विपरीत है। यह उस व्यवस्था को नही दर्शाता जो हमें बदलने के लिए शक्तिहीन थी बल्कि वह व्यवस्था जिस में पवित्र आत्मा की प्राप्ति हुई थी। जब आत्मा उन पर उतरा तब उस पवित्र आत्मा ने भयभीत विश्वासियों को साहसी प्रचारकों में बदल दिया ।और इसके विपरीत क्या है: पहले पिन्तेकुस्त के दिन 3,000 लोग मारे गए; दूसरी बार 3,000 लोगों को बचाया गया।
रोमियो 8:2
क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है। कोई आश्चर्य नहीं की यह बेहतर वादों के साथ एक नई वाचा है। नया पिन्तेकुस्त हमें पाप और मृत्यु की व्यवस्था से आजादी का वादा करता है। अब हम उस आत्मा के द्वारा जीते हैं जो जीवन देता है और व्यवस्था को पूरा करने में हमारी सहायता करता है।
क्या आप व्यवस्था के अधीन है या पवित्र आत्मा के?
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पिन्तेकुस्त पर 5 दिन का अध्याय जो विश्वासी के हिरदय को इस ख़ास दिन के लिए तैयार करेगा। विश्वासी के हिरदय को इस ख़ास दिन के लिए तैयार करेगा। जब हम इस यहूदी पर्व और नए नियम की पूर्ती को समझ जायेंगे तब हम पूरी तरह से पवित्र आत्मा के लिए तैयार हो जायेंगे।
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