क़सूर ख़त्म - क़ुसूरवार आज़ाद।नमूना

क़सूर के क़ैदी या क़सूर से आज़ादी?
सलाम
- “आज मैंने ख़ुदा के साथ कोई वक़्त नहीं गुज़ारा…”
- “मुझे और ज़्यादा बाइबल पढ़ना चाहिए था …”
- “मुझे ख़ुदा के लिए और कामकरना चाहिए था…”
क्या आप भी अक्सर ऐसे सोचते या अपने आप से कहते हैं?
ये क़सूर का क़सूर है, ख़ुदा का नहीं!
*“इसलिए अब जो मसीह यीशु में हैं, वे क़सूरऔर इल्ज़ाम से आज़ाद हैं।“– रोमियों ८:१
ख़ुदा आपसे कुछ लेना नहीं चाहता हैं। वह आपसे और अच्छे काम, और दुआएँ, और वक़्त की माँग नहीं कर रहा — हालाँकि ये सब बातें अच्छी हैं और ये आपको उसके और क़रीब ला सकती हैं और आप उसे और अच्छी तरह जान सकते हैं।
लेकिन, आपके कामों से ज़्यादा, ख़ुदा आपको चाहता है। — आपका पूरा दिल, आपकी पूरी शख़्सियत।
लेखक, सी.एस.लुईस ने बहुत ख़ूबसूरती से कहा है:
“ख़ुदा हमसे कुछ नहीं, बल्कि बस हमें चाहता है।”
जब आप ख़ुदा के लिए किसी काम पर ज़्यादा ज़ोर देते हैं, तो ये क़सूर, कि आप काफ़ी नहीं कर रहे हैं जल्दी ही अपना बदसूरत चेहरा ज़ाहिर करता है।
लेकिन ख़ुदा क़सूर को ख़त्म और क़ुसूरवार को आज़ाद करना चाहता है! वह आपको कभी ये अफ़सोस काएहसास नहीं दिलाएगा कि आपने काफ़ी नहीं किया। क्यों? क्योंकि वह सबसे ज़्यादा आपका दिल चाहता है।
वह आपके साथ ऐसा रिश्ता क़ायम करना चाहता है, जिसकी बुनियाद मोहब्बत और दिल के मिलन पर अटल हो — न कि आपके कर्मों की गिनती पर।
*“मेरे बेटे, अपना दिल मेरे हवाले कर, और मेरे कार्यों पर तेरी नज़र रख।” – नीतिवचन २३:२६
जब मुझे पहली बार एहसास हुआ कि ख़ुदा का फ़ज़ल असीम और अज़ीम है, वह मुझसे नाराज़ नहीं बल्कि बेहद खुश है, वह मांग रखने वाला नहीं बल्कि दिलदार है, और मोहब्बत से मुझे अपने साथ एक गहरे रिश्ते में बुलाना चाहता है, तो इस सच्चाई ने मेरी ज़िंदगी पूरी तरह बदल दी।
इसी ने मुझे यह गीत "परमेश्वर पिता" लिख़ने के लिए प्रेरित किया:
परमेश्वर पिता, तू ही है भला
परमेश्वर पिता, तू है नहीं मुझसे ख़फ़ा।
तेरे प्यार है सागर से भी गहरा,
तेरा दिल करुणा से है भरा,
तेरी नज़र मुझ पर है सदा,
तेरा नाम यहोवा मेरी है पनाह।
आप ये गीत यू-ट्यूब पर सुन सकते है और कुछ वक़्त निकालकर ख़ुदा का शुक्र अदा कीजिए। उसकी मोहब्बत और उसकी शफ़क़त के लिए।
आप एक चमत्कार है।
कॅमरॉन मेंडीस
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)
टिप्पणी: यह इस योजना का आख़री दिन है। अगर आप रोज़ अपने इनबॉक्स में एक प्रेरणादायक ई-मेल हासिल करना चाहते हैं, तो मैं आपको 'चमत्कार हर दिन' की सदस्यता लेने के लिए आमंत्रित करती हूँ।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

गुनाह का बोझ इंसान को शर्मिंदगी और इल्ज़ाम के ऐसे चक्र में क़ैद कर देता है जो कभी ख़त्म होता नज़र नहीं आता — लेकिन ज़रूरी नहीं कि ऐसा ही हो। इस पढ़ने की योजना में आप जानेंगे कि किस तरह उस क़सूर को ख़त्म किया जाए और ज़िंदगी से गुनाह का बोझ हमेशा के लिए उतार फेंका जाए। ख़ुदा के पास आपके लिए कहीं बेहतर तोहफ़े और बरकतें रखी हुई हैं।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Jesus.net - Desi को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: hi.jesus.net/chamatkar-every-day/miracle


