ईस्टर की कहानी: यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान पर एक दृष्टिनमूना

ईस्टर की कहानी: यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान पर एक दृष्टि

दिन 13 का 16

यीशु का दफ़नाया जाना

यीशु को अरमिथिया के यूसुफ की कब्र में दफ़नाया गया।

प्रश्‍न १: दूसरों का डर और यीशु के प्रतिप्रेम के बीच कभी-कभी कैसे टकराव होता है?

प्रश्‍न २: अरमथिया का यूसुफ और निकोदिमुस यीशु के ''गुप्‍त अनुयायी'' थे जिनकी प्रतिबध्‍दता अबखुलकर सामने आयी। आपको क्‍या लगता है कि उन्‍होंने अपनी प्रतिध्‍दता को छिपाकर क्‍यूं रखा था? क्‍या यह एक महान कार्य था? मसीहियों को अपनी प्रतिबध्‍दता कब छिपा कर रखनी चाहिये और क्‍यों?

प्रश्‍न ३: पिछली असफलताओं और भय के बावजूद, आप क्‍या सोचते हैं कि यीशु के प्रति अपना प्रेम प्रगट करने के लिये आप क्‍या कर सकते हैं?

इस योजना के बारें में

ईस्टर की कहानी: यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान पर एक दृष्टि

यीशु का क्रूस पर बलिदान और पुनरुत्थान चारों सुसमाचारों में वर्णित है। इस ईस्टर पढ़िये कैसे यीशु ने धोखा, पीड़ा और क्रूस की शर्मिन्दगी सही इससे पहले कि वे संसार को अपने पुनरुत्थान की आशा से परिवर्तित कर दें। एक संक्षिप्त वीडियो उदाहरण सहित इस कहानी (घटना) को प्रतिदिन प्रदर्शित करता है।

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