योजना की जानकारी

आत्मिक अनुशासन सीखनानमूना

Learning Spiritual Discipline

दिन 2 का 4

मनन करने का आत्मिक अनुशासन



परमेश्वर से बात करना

परमेश्वर का, उसके सामर्थी वचन के लिए धन्यवाद करें। उससे कहें कि, पूरा दिन आपका ध्यान उसके वचन पर केंद्रित करने में वो आपकी सहायता करें जिससे आप दिन-प्रतिदिन यीशु के जैसे बनते जाएँ।



गहराई में जाएँ

एक प्लेट में नाश्ता-पानी लें। हरेक को गहराई में जाने की अनुमति दें, बशर्ते वे एक ज़रूरी नियम का पालन करें: खाने के हर कौर को कम-से-कम 20 बार चबाना अनिवार्य है। हरेक व्यक्ति जब एक कौर ख़त्म कर ले, तो अलग स्वाद और संरचना के अनुभव उन्हें विस्तार से वर्णन करने के लिए आमंत्रित करें।



और गहराई में जाएँ

कभी-कभी लोग बोलतें हैं, "मुझे उसे और चबाने की आवश्यकता है," अर्थात, "मुझे थोड़े और समय के लिए उस पर चिंतन करना अनिवार्य है। "जब हम वचन पर चिंतन/अध्ययन करतें हैं, तो हम और अधिक समय लेकर उसके बारे में सोचतें हैं तथा "उसकी जुगाली करते हैं/चबाते हैं।" यदि हम अपना भोजन बिना चबाये खायेंगें,तो शायद ही हम उसके स्वाद का लुत्फ़ उठा पाएंगे। जितना ज़्यादा हम भोजन को चबाएँगें, उतना ही ज़्यादा हम उसके स्वाद का आनन्द ले पायेंगें और हमें शक्ति मिल पाएगी। परमेश्वर के वचन के साथ भी ऐसा ही है। यदि हम वचन को केवल पढ़ें और कभी भी उसके बारे में कुछ न सोचें तो इसकी तुलना में जब हम समय निकाल कर यह सोचेंगें कि इस वचन का क्या अर्थ है तथा इसे हम अपने जीवन में किस तरह से उपयोग में ला सकते हैं, इसके द्वारा हमें बहुत लाभ होगा। रोमियो 12:2 में लिखा है कि हमें इस संसार के समान नहीं बनना है, परन्तु अपनी बुद्धि के नए हो जाने से हमारा चाल-चलन भी बदलना चाहिए, जिससे हम परमेश्वर की भली, और भवति, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करतें रहें। परमेश्वर के वचन का अध्ययन करके ही हम उसकी सोचना सीख सकतें हैं।



एक-दूसरे के साथ बात करें



- किन बातों के बारे में सोच कर आप अपना ज़्यादातर समय व्यतीत करते हो?

- यदि आप परमेश्वर के वचन के बारे में और अधिक सोचेंगें तथा उसमें अपना ज़्यादा समय व्यतीत करेंगे तो इससे आपका जीवन कैसे परिवर्तित होगा?

- वचन का कौन सा भाग/हिस्सा लेकर आप अध्ययन आरम्भ करना चाहोगे?

पवित्र शास्त्र

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

Learning Spiritual Discipline

इस योजना में, आप और आपके बच्चे चार आत्मिक अनुशासनों के बारे में जानेगें: उपवास, अध्ययन, वचन पर चिंतन-मनन, और आराधना। इन अनुशासनों का अभ्यास करने के रास्ते में आने वाली चुनौतियों के बारे में सच्ची/निष्कपट बातचीत, तथा विचा...

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We would like to thank Focus on the Family for providing this plan. For more information, please visit: www.FocusontheFamily.com

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