भजन संहिता 138

138
प्रभु-कृपा के लिए सराहना करना
दाऊद का गीत।
1प्रभु, मैं सम्‍पूर्ण हृदय से तेरी सराहना
करता हूं; देवताओं#138:1 अथवा प्राचीन अनुवादों के अनुसार, “स्‍वर्गदूतों” के समक्ष भी
मैं तेरी स्‍तुति करता हूं;
2मैं तेरे पवित्र मन्‍दिर की ओर मुंह कर,
तेरी वन्‍दना करता हूं;
मैं तेरी करुणा और सच्‍चाई के लिए
तेरे नाम की सराहना करता हूं;
क्‍योंकि तूने सबसे ऊपर अपने नाम और
वचन को महान किया है।
3जिस दिन मैंने पुकारा, तूने मुझे उत्तर दिया;
तूने मेरी आत्‍म-शक्‍ति को बढ़ाया।#138:3 मूल अस्‍पष्‍ट
4हे प्रभु, पृथ्‍वी के समस्‍त राजा तेरी सराहना
करेंगे;
क्‍योंकि उन्‍होंने तेरे मुंह के वचन सुने हैं;
5वे प्रभु-मार्ग के गीत गायेंगे;
क्‍योंकि प्रभु, तेरी महिमा महान है।
6यद्यपि प्रभु, तू उच्‍चासन पर विराजमान है,
तो भी तू नम्र मनुष्‍य पर दृष्‍टि करता है;
पर तू दूर से ही अहंकारियों को
पहचान लेता है।
7प्रभु, यद्यपि मैं संकटमय मार्ग पर चलता हूं,
तो भी तू मेरी जीवन-रक्षा करता है।
तू मेरे शत्रुओं के क्रोध से
मेरी रक्षा के लिए अपना हाथ बढ़ाता है,
तेरा दाहिना हाथ मुझे बचाता है।
8प्रभु, मेरे लिए अपने अभिप्राय को पूर्ण कर;
हे प्रभु, तेरी करुणा शाश्‍वत है।
मैं तेरे हाथों की रचना हूं,
मुझ को मत त्‍याग।

वर्तमान में चयनित:

भजन संहिता 138: HINCLBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।