उत्पत्ति 49
49
याकूब की भविष्यवाणी #व्य 33
1तब याकूब ने अपने पुत्रों को बुलाकर उनसे कहा, ‘परस्पर एकत्र हो। मैं तुम्हें आगामी दिनों की बातें बताऊंगा जो तुम्हारे साथ घटेंगी।
2‘ओ याकूब के पुत्रो, एकत्र होकर मेरी बातें
सुनो,
अपने पिता इस्राएल की बातों पर ध्यान दो।
3‘ओ रूबेन! तू मेरा ज्येष्ठ पुत्र,
मेरा बल और मेरे पौरुष का प्रथम फल है।
तू अहंकार का धनी,
और शक्ति में श्रेष्ठ है।
4तू जल के झाग के सदृश अस्थिर है।
तू श्रेष्ठ नहीं रहेगा।
क्योंकि तू अपने पिता की शय्या पर चढ़ा
था,
तूने उसे अपवित्र किया था,
तू मेरे बिछौने पर चढ़ा था।
5‘शिमोन और लेवी भाई हैं।
हिंसा के शस्त्र ही उनकी तलवार हैं।
6ओ मेरे प्राण! उनकी गुप्त बैठक में
भाग मत ले,
ओ मेरी आत्मा! उनकी सभा से सहयोग
मत कर।
क्योंकि वे अपने क्रोध में मनुष्यों की हत्या
करते हैं।
वे अपनी असंयमित इच्छा के कारण
बैलों को लंगड़ा बनाते हैं।
7उनके क्रोध को धिक्कार है,
क्योंकि वह प्रचण्ड है।
उनके रोष को धिक्कार है,
क्योंकि वह निर्दय है।
मैं उन्हें याकूब के देश में विभाजित करूँगा;
उन्हें इस्राएल में तितर-बितर करूँगा।
8‘ओ यहूदा, तेरे भाई तेरी सराहना करेंगे;
तेरा हाथ तेरे शत्रुओं की गरदन पर सवार
रहेगा,
तेरे पिता के पुत्र तेरे सम्मुख सिर झुकाएँगे।
9यहूदा सिंह का बच्चा है।
वह, मेरा पुत्र, शिकार पर लौट गया है;
वह सिंह जैसा, सिंहनी के सदृश झुककर
बैठा है;
कौन उसको छेड़कर उठा सकता है?#गण 24:9; प्रक 5:5
10जब तक राजदण्ड का स्वामी न आए#49:10 अथवा, ‘जब तक उसे राजकर न दिया जाए’; मूल में : ‘जब तक शीलो न आए’।
तब तक राजदण्ड यहूदा से दूर न होगा,
और न प्रशासक का दण्ड उसके पैरों के
मध्य से अलग होगा।
समस्त जातियाँ उसकी आज्ञा का पालन
करेंगी।#गण 24:17; यश 11:1; यहेज 21:27; मत 21:2,9
11वह जवान गधे को अंगूर लता से,
सर्वोत्तम लता से गधे के बच्चे को बांध कर
अंगूर के रस में अपने वस्त्र, अंगूर के रक्त
में अपनी पोशाक धोता है।
12अंगूर के रस से अधिक उसकी आँखें लाल,
और दूध से अधिक उसके दांत सफेद
होंगे।
13‘जबूलून समुद्र के तट पर निवास करेगा।
वह जलयानों के लिए बन्दरगाह बनेगा,
उसके राज्य की सीमा सीदोन देश तक
होगी।
14‘इस्साकार एक बलवान गधा है;
जो भेड़शालाओं के मध्य लेटता है।
15जब उसने देखा कि विश्रामस्थल अच्छा है,
देश मनोहर है,
तब उसने बोझ उठाने के लिए अपने कन्धे
झुका दिए,
और बेगार करने को गुलाम बन गया।
16‘दान, इस्राएल के कुलों में एक कुल,
अपने कुल के लोगों का न्याय करेगा।
17वह मार्ग का सांप,
पथ का नाग होगा,
जो अश्वों की एड़ी को डंसता है,
और अश्वारोही पीछे गिर पड़ता है।
18‘हे प्रभु, मैं तेरे उद्धार की प्रतीक्षा करता हूँ।#यश 25:9
19‘गाद पर आक्रमणकारी आक्रमण करेंगे,
पर वह पीछे से उन पर आक्रमण करेगा।
20‘आशेर का अन्न उत्तम होगा;
वह राजसी भोजन खिलाया करेगा।
21‘नफ्ताली स्वच्छन्द हरिण है,
वह मधुर भाषी है।#49:21 अथवा, ‘उसके हिरनौटे सुन्दर हैं’
22‘यूसुफ फलवन्त डाल है,
झरने के किनारे लगी फलवन्त डाल,
उसकी शाखाएँ दीवार पर फैली हैं।
23धनुर्धारी ने उस पर भयंकर आक्रमण
किया;
उस पर बाण छोड़े;
उसे अत्यधिक सताया।
24फिर भी उसका धनुष स्थिर रहा।
उसकी भुजाएँ, उसके हाथ गतिवान थे।
याकूब के सर्वशक्तिमान परमेश्वर के हाथ
से,
इस्राएल की चट्टान, मेषपाल के नाम से,
25तेरे पिता के परमेश्वर के द्वारा,
जो तेरी सहायता करेगा,
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के द्वारा,
जो तुझे ऊपर आकाश की आशिषें
नीचे महासागर की आशिषें
स्तन और गर्भाशय की आशिषें देगा।
26तेरे पिता के आशीर्वाद,
चिरस्थायी पर्वतों के आशीर्वादों की अपेक्षा,
सनातन पहाड़ियों के वरदानों से अधिक
महान हो गए हैं।
वे यूसुफ के सिर पर ठहरें,
उसके ललाट पर ठहरें,
जो अपने भाइयों से बिछुड़ गया था।
27‘बिन्यामिन खूंखार भेड़िया है,
जो प्रात: शिकार को फाड़ता,
और सन्ध्या को लूट का माल बांटता है।’
याकूब की मृत्यु और अन्त्येष्टि
28ये इस्राएल के बारह कुल हैं। ये ही आशीर्वचन उनके पिता ने उच्चारे थे। उन्होंने प्रत्येक कुल को उसके उपयुक्त आशीर्वाद दिया था। 29तत्पश्चात् उन्होंने उनको यह आज्ञा दी, ‘मैं अपने मृत पूर्वजों में जाकर मिलने वाला हूं। मुझे मेरे पूर्वजों की गुफा में, जो हित्ती जातीय एप्रोन की भूमि में है, गाड़ना। 30मुझे उस गुफा में गाड़ना जो कनान देश में ममरे की पूर्व दिशा में मकपेला की भूमि में है, जिसे अब्राहम ने निजी कब्रिस्तान बनाने के लिए हित्ती जातीय एप्रोन से भूमि सहित खरीदा था।#उत 23:16 31वहाँ उन्होंने अब्राहम और उनकी पत्नी सारा को गाड़ा। वहाँ उन्होंने इसहाक और उनकी पत्नी रिबका को गाड़ा। वहाँ मैंने लिआ को गाड़ा।#उत 25:9; 35:29 32भूमि और उस पर स्थित गुफा हित्ती जाति से खरीदी गई थी।’ 33जब याकूब अपने पुत्रों को आज्ञा दे चुके, उन्होंने पलंग पर अपने पैर समेट लिये और अन्तिम सांस ली और यों अपने मृत पूर्वजों में जाकर मिल गए।
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