इफिसियों 3
3
गऐर यहूदी आरी संत्त-संत्त-पौलुस की सेवा
1ईन्दीखे हाँव पौलुस जू तुँओं गऐर यहूदी की भलाई की ताँईऐं मसीया यीशू दा कय्दी असो, 2जे तुँऐं पंण्मिश्वर की तियों कृपा के ईन्त्तजाँम के बारे दो शुँणीं थुओं, जुण्जी कृपा तुओं खे मुँह कैई देऐ थंऐ; 3मंतल्व ऐजा के सेजा भेंद्-पता मुँह कैई बखाँण के कारण ही पर्गट हुवा; जैष्णों के मुँऐ आगे भे तुओं खे दाँणिक-दाँणिक लिखी थुओं, 4जिन्दे लई तुँऐं पढ़ियों जाँणी पाँव, के हाँव मसीया का सेजा भेद्-पता केथै तोड़ी जाँणीं पाँऊ। 5ऐजा गुप्त भेद्-पता आगली पीड़ी के लोगो कैई ने बुली थई थी, परह् ऐबे पबित्र-आत्त्मा के जाँणें तिनके पबित्र खास-चैले अरह् ऋषियों कैई पर्गट करी थुवा, 6सेजा गुप्त भेद् ऐजा असो, के खुषख्बरी के जाँणें यहूदियों की गईलो गऐर यहूदी लोग भे पंण्मिश्वर के राज्य के बारीस, अरह् पुरे हंकदार बंणी गुऐ; अरह् से दुन्ने ड़ूंग ऐक ही देह्-शरीर का अंग असो, अरह् प्रभू यीशू मसीया के जाँणें करे गुऐ बाय्दे के साथी बंणें। 7पंण्मिश्वर ऐ आप्णी शँक्त्ति के अधिकार शे मुँखे ऐजी कृपा देऐ थऐ, के हाँव तेसी खुषख्बरी का दास बणू; 8मुँखे जू पंण्मिश्वर के लोगो मुँझ्शा सोभी शा छुटा असो, मुँखे ऐजा बरंदाँण भेटी रूआ, के हाँव गऐर यहूदी खे मसीया की अपरंम-पार कृपा के खुषख्बरी शुँणाँऊ; 9के हाँव सोभी लोगो कैई ऐजी गुप्त राज की बात पर्गट सपष्ट करू, जू बादी संईसारी के रंचणों वाल़े असो, तिन्ऐ सेजी बात हेबी तोड़ी चुप्पी थऐ थई थी; 10जू ऐबे कलीसिया के जाँणें पंण्मिश्वर का साँत्त-भाँत्ता ज्ञाँन तिनू हाकमों गाशी अरह् अधिकारियों गाशी जू स्वर्गिऐं जागा दे असो, तिनू कैई पर्गट करा ज़ाँव। 11पंण्मिश्वर ज़ूगौ-ज़ूगौ शा जू मतल्व आप्णें मंन दा जुण्जा पलान करी थुवा थिया, तिन्ऐ सेजा मतल्व अमाँरे प्रभू यीशू मसीया के जाँणें पुरा करा। 12आँमें प्रभू यीशू मसीया गाशी बिश्वाष करह्, अरह् तबे ही आँमें पुरे भूर्षें आरी, बै-झिझ्क हऐयों पंण्मिश्वर कैई ज़ाँव। 13ईन्देंखे हाँव तुओं लोगो खे ऐजी ढाल-अरज करू, के जू कल़ेश तुँवारी ताँईऐं मुँह भेट्दे लागे, तिनके जाँणे तुँऐं हिम्त्त ने हारे, किन्देंखे के तिन्दी ही तुँवारी बड़ियाऐ असो।
इफिसियों खे संत्त-पौलुस की अर्जी
14हाँव ईन्दी के ताँईऐं तेसी परमं-पिता पंण्मिश्वर के साम्णें घुन्डू नुवाँऊ, 15जिन्दे लई स्वर्ग अरह् धर्ती गाशी, ऐक नाँम घराने को नाँव थुओ ज़ाँव, 16के से आप्णी बड़ियाऐ के धन के मुँताबिक तुँओं खे ऐजो दाँण दियों; के तुँऐं तिनके पबित्र-आत्त्मा शे आप्णें भत्ले आछे बिचार दे शक्त्ति पाँऐयों तागतबर बंणदे ज़ाँव, 17अरह् बिश्वाष के जाँणें मसीया तुवाँरे दिल-सासो दे बंसो, अरह् हाँव तुवाँरी ताँईऐं ऐजी प्रार्थना करू, के तुँऐं प्यार दे ज़ड़ पाक्ड़ियों आप्णी पह्-नींव पाक्की करह्, 18सोभी पबित्र लोगो की गईलो भली-भाँत्ती सम्झणों के शँक्त्ति पाव, के तिन्देकी लंम्बाऐ अरह् चौड़ाऐ का असो, अरह् से कैत्रों ऊगलो अरह् कैत्रो निगूओं असो, 19अरह् मसीया को सेजो प्यार जाँणी पाँव, जुण्जो अमाँरे ज्ञाँन-सम्झ शो बाईरो असो; के तिन्दें लंई तुँऐं पंण्मिश्वर के बादी भरपुरी लंई शुरे-पुरे हऐ ज़ाँव। 20ऐबे जुण्जा ऐष्णा शँक्त्तिशाली असो, के अमाँरे ढाल-अरज अरह् सम्झ शे बैजाऐ बड़े काँम-काज़ करी सको, तियों शँक्त्ति के मुँताबिक जुण्जी आँमों दे काँम-काज़ करह्; 21कलीसिया दे अरह् मसीया यीशू दे तिनकी बड़ियाऐ पीड़ी शे पीड़ी तोड़ी ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी हंदी रंह्। आमीन!
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इफिसियों 3: sri
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