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1 थिस्सलुनीकियों 5

5
प्रभू यीशू की हजो आँवणीं खे तैयार रंह्
1परह् हे भाऐ-बंईणों, ईन्देका मतल्व ऐजा ने आथी, के बख्त्तो अरह् ज़ूगौ के बारे दे तुओं कैई बुलो, अरह् लिखों ज़ाँव। 2किन्देंखे के तुँऐं आपु भे ठीक जाँणों, के जेष्णाँ रात्ती चोर आँव, तेष्णा ही प्रभू को देस भे आँणों वाल़ो असो। 3जबे लोग बुल़्ले, के “आछो असो, अरह् किऐ डोर ने आथी,” तअ तिनू् गाशी ऐकदंम अब्ल़ी बईशली, जैष्णी के पेट्भारी के ऐकदंम सुणो को चाईत लागो; अरह् तैयाँरे केशी ही दाँई भे चऐन ने पढ़दी। 4परह् हे भाईयों, तुँऐं तअ ईनाँरे दे आथी ने, के सेजे देसो तुँओं गाशी चोर जैष्णें पड़ले। 5किन्देंखे के तुँऐं बादे सच्चाई के जोत्त प्रकाष के अलाद असो; आँमें ना रात्ती के अरह् ना ईनाँरे के साथी आथी। 6ईन्देंखे आँमें ओकी जैष्णें सुत्ते अंदे ने रंह्, परह् बीऊँजी अरह् संकने रंह्। 7किन्देंखे के जुण्जे सूत्तो ऐ, से रात्ती खे ही सूत्तो, अरह् जू माँचियों ऐ, से भे रात्ती खे ही माँचिंयों। 8परह् आँमें जू देसो के असो, बिश्वाष अरह् प्यार का चौग्गा बाँम्बियों अरह् छुट्कारे के भोर्षे का टूप्पा लाऐयों संकने रंह्। 9किन्देंखे के पंण्मिश्वर आँमों सजा देणों खे ने, परह् अमाँरे प्रभू यीशू के जाँणें मुँक्त्ति पाँणों खे बंणाऐं थुऐ। 10प्रभू यीशू ऐ अमाँरी ताँईऐं प्राँण ईन्देंखे दित्ते, के आँमें जीऊँदे असो, भाँव मँरी ज़ाँव, परह् जबे से हजो पाछू आँव; तअ आँमें तिनकी गईलो जीऊँदें रंह्। 11ईन्देंखे ओकी खे होंस्ला दियों, अरह् ओकी की बड़ोत्री का कारण बंणों; जेष्णों के तुँऐं करी भे लुओ।
कलीसिया खे शिक्क्षा
12हे भाऐ-बंईणों आँमें तुँओं खे ढाल-अरज करह्, के जू तुँऐं मेंह्न्त करह्, अरह् जू प्रभू दे तुवाँरे अगवाल़ असो, अरह् तुँओं खे शिक्क्षा दियों, तिनका आदर करह्। 13अरह् तिनकी काँम-काज़ के जाँणें प्यारो आरी, तिनू बैजाऐ आदर-ईज्ज्त्त ज़ूग्गै ज़ाँणों; अरह् आपु आरी मिली-झ़ुलियों रूओं। 14हे भाऐ-बंईणों, आँमें तुँओं सम्झाओं के जू ठीक चाल ने चाल्दे तिनू सम्झाव; अरह् डराड़ो खे दीड़-हिम्मत दियों, कंमजोर संभाल़ो, सोभी आरी संय्नशिल्त्ता देखाव। 15सकन्नै रूऐ! कुँऐं कोसी आरी बुराई के बद्ल़े बुराऐ ने करह्; परह् सदा भलाई की ताक दे रंह्, आपस मुझी अरह् बादे आरी भलाई की ही कोशिष करे। 16सदा खुशी रंह्। 17सदा प्रार्थना दे लागे रंह्। 18बादी बातो दा प्रभू का धन्यबाद करह्; किन्देंखे के तुँओं खे प्रभू यीशू मसीया दी पंण्मिश्वर की ऐजी ही हिछ़या असो। 19पबित्र-आत्त्मा के काँम-काज़ दबाऐ ने। 20ऋषियों की बरंम्बाणीं छुटी ने जाँणें। 21बादी बातो पर्खो-अजमाँव; जू आच्छ़ी असो, तिनू पाकड़ी अंदी थुऐ। 22साँत-भाँत्ती बुराई शे बंचे अंदे रूऐ।
आशिर्बाद
23शाँण्त्ति का दाता पंण्मिश्वर आपु ही तुँओं पुरी रित्ती शे पबित्र करह्; अरह् तुँवारी आत्त्मा अरह् जीयाँन-प्राँण अरह् देह्-शरीर अमाँरे प्रभू यीशू मसीया के आँणों तोड़ी शुरे-पुरे अरह् नीर्दोष आछे थों। 24तुवाँरा बईद्णों वाल़ा साच्चा असो; अरह् से ऐष्णो ही करला। 25हे भाऐ-बंईणों, आँमों खे प्रार्थना करह्। 26बादे भाई-बईणों खे पबित्र दिल शा नमंष्कार करह्। 27हाँव तुँओं खे प्रभू की षौं देऊँ, के ऐजी पत्री सोभी भाऐ-बंईणों कैई शी पढ़ियों शुँणाऐ ज़ाँव। 28अमाँरे प्रभू यीशू मसीया की कृपा तुँओं गाशी हंदी रंह्।

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