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कब स्वर्ग पृथ्वी से आकर मिलता है

5天中的第3天

आज्ञाकारिता स्वर्ग को धरती पर उतार लाती है।

यूसुफ और मरियम, यीशु के धरती पर आने के लिए माध्यम हैं। मरियम ने यीशु को इस घरती पर अपने गर्भ के रूप में एक अस्थाई घर दिया जबकि यूसुफ ने इस परिवार को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान की। एक डोरी जिसने यीशु के माता पिता को एकजुट रखा वह उनकी स्पष्ट आज्ञाकारिता थी। उन्होंने उन पर जाहिर हुए फरिश्ते से कोई सवाल नहीं पूछा। उन्होंने उस पर कोई सन्देह नहीं किया। उन्होंने उसके आदेश को स्वीकार किया और बिना किसी प्रश्न के उसका अनुपालन किया। उनकी परिस्थितियां कोई बहुत आदर्श या अच्छी नहीं थीं। विचार करें-एक अविवाहित महिला के बारे में सोचें जिसे यह संदेश दिया गया कि पवित्र आत्मा उस पर छाया करेगा और वह गर्भवति होगी। एक मंगेतर (पुरूष) से यह कहा जाता है कि वह एक गर्भवति मंगेतर (स्त्री) से विवाह करे और एक शहर से दूसरे शहर में उस बच्चे की सुरक्षा करते हुए फिरे जो जैविक तौर पर उसका पुत्र नहीं है। इस प्रकार की परेशानियों से भरे जीवन में, उन्होंने बार बार परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने का चुनाव किया। 

हमारे जीवनों में, परमेश्वर हम से भी कुछ कुछ काम करने के लिए कहते हैं,जैसे कि उन स्थानों में चले जाओ,जाकर ये बातें कहना और परमेश्वर को महिमा देने और दूसरों के लिए आशीष बनने के लिए इस तरह का जीवन व्यतीत करना। 

यदि हमारी इन्द्रियां उसकी वाणी,उसकी अगुवाई और उसकी उपस्थिति के प्रति संवेदनशील नहीं हैं, तब हम उसके मिशन व उसके मार्ग से भटक सकते हैं। जब हम मसीह का अनुसरण करने का निर्णय लेते हैं तो हमें अपने मनों में आज्ञाकारिता के लक्षणों को जान और समझ लेना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि परमेश्वर आज्ञाकारिता से प्रसन्न होते हैं। वह हमारे मनों को यह देखने के लिए परखता है कि हमारी आज्ञाकारिता तात्कालिक और निर्विवाद है कि नहीं। 


आप परमेश्वर के लिए कितने आज्ञाकारी रहे हैं?

क्या आपको परमेश्वर की बातों को सुनने में दिक्कत का सामना करना पड़ा है?

क्या आप चुप होकर उसकी आवाज़ सुनने और फिर उसकी बातों को मानने के लिए तैयार हैं?


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कब स्वर्ग पृथ्वी से आकर मिलता है

क्रिसमस अपने आप को नज़दीकी से देखने और यह देखने का एक सुन्दर समय होता है कि किस प्रकार से यीशु मसीह के इस धरती पर आने की वास्तविकता हमारे जीवनों को बदल देती है। स्वर्ग ने धरती पर चढ़ाई की और उसे हमेशा के लिए बदल दिया। हमारा जीवन कठिन या दुविधाजनक हो सकता है लेकिन यीशु के साथ रहते हुए वह बेमकसद नहीं हो सकता है।

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