वायदा किया हुआ 预览

संसार की ज्योति
हम सबने किसी न किसी तरह से अंधकार का अनुभव किया होगा, चाहे यह शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक, या आत्मिक रूप में ही क्यों न हो। जब हमें मदद या आशा की जरूरत होती है, तो केवल इतना जानना पर्याप्त नहीं कि रोशनी कहीं चमक रही हैं। हमें इस बात के ज्ञान होने की आवश्यकता नहीं कि रोशनी विद्यमान है; बल्कि हमें इस बात की आवश्यकता है कि वह रोशनी हमारे साथ हो! उजियाले की निकटता हमें हमारे व्यक्तिगत परिस्थिति में आशा प्रदान करती है।
ज्योति हमारी आंखों के साथ मिलकर काम करती है। देखने को रोशनी की उपस्थिति के साथ जोड़ा जाता है। लूका 2 में, स्वर्गदूत उन चरवाहों के सामने प्रकट हुआ और प्रभु का तेज उनके चारों ओर फैल गया (आयत 9) अब चरवाहें जाकर देख सकते थे जो स्वर्गदूत ने घोषणा की थी (आयत 15) और परमेश्वर की स्तुति तथा गुणगान करते हुए लौट गए जब उन्होंने देखा कि येशु आ चुके हैं (आयत 20)।
आठ दिन के बाद, येशु को आराधनालय में समर्पण के लिए लाया गया। शिमौन वहां पर परमेश्वर से एक वायदा पाकर इंतज़ार कर रहा था। एक बार जब उसे पता चला कि येशु मसीह पहुंच चुका है, तो उसके मुंह से एक भविष्यद्वाणीय गीत निकल पड़ाः
क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है। जिसे तू ने सब देशों के लोगों के सामने तैयार किया है। कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो। (लूका 2:30-32)
येशु की ज्योति ने शिमौन की आंखों को खोल दिया ताकि वह परमेश्वर के उस उद्धार को देख सके जो परमेश्वर के मन में था। यह केवल किसी एक शहर या किसी एक राष्ट्र के लिए नहीं था; यह पूरे संसार के लिए था!
येशु एक शिशु के रूप् में स्वर्ग से इस पृथ्वी के अंधकार में उतर आया। बाइबल इसे देहधारण कहती है। हमारे प्रति उसके प्रेम के कारण, वह एक मानव बना। उसकी रोशनी ने उद्धार के मार्ग को प्रगट किया, वह मार्ग जो हमें वापस हमारे पिता परमेश्वर की ओर पहुंचाता है। क्या अद्भुत योजना है उस अवर्णनीय प्रेम का!
येशु के द्वारा, परमेश्वर हमारे पास आ गए - वह हमारे समीप है। यद्यपि आप उन्हें महसूस नहीं कर पाते होंगे, लेकिन उनकी उपस्थिति अभी आपके साथ ही है। यह सच्चाई किस तरह से आपको प्रभावित करती है?
आज की प्रार्थनाः
हे परमेश्वर, आपके पुत्र की ज्योति के लिए धन्यवाद। मेरी आंखें खोल दीजिए कि आपके उद्धार को देख सकूं, और मेरे प्रति आपके असीम प्रेम को जान सकूं। होने दे कि मैं आपके आशा के संदेश को मेरे शहर और राष्ट्र और पूरी दुनिया में बांट सकूं।
读经计划介绍

दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पल वह था जब येशु, अर्थात् इस जगत की ज्योति ने] हमारे बीच निवास करने के लिए देह धारण किया। स्वर्गदूतों ने उनके आगमन की घोषणा की] कविताएं लिखी गई] चरवाहे दौड़कर गए और मरियम ने गीत गाया! हमारे साथ एक पांच-दिवसीय यात्रा में आइए जब हम उस ज्योति का निरीक्षण करते हैं] कि इसने किस तरह से अपने आस पास के लोगों को प्रेरित किया और किस तरह से आज यह हम पर प्रभाव डालती है।
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