असाधारण उपासकÀpẹrẹ

यशायाह 6:1
जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया।
यशायाह ने यहोवा को उसकी महिमा में देखा। उसने यहोवा के बारे में तीन बातें देखीं:
यहोवा उच्च और महान था। वह यशायाह के जीवन और स्थिति से ऊपर था। उसके पास एक ऐसा ओहदा था जो यशायाह ने शायद पहले कभी नहीं देखा था।
और, उसने यहोवा को सिंहासन पर विराजमान देखा। वह खड़ा नहीं था, न चल रहा था या सो रहा था, लेकिन बैठा था।
उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया था।
पर्मेश्वर की उपासना करने के लिए हमें पर्मेश्वर के इन पहलुओं को देखने की जरूरत है।वह इस सृष्टि पर बानी हर एक चीज़ से, हर एक व्यक्ति से ऊपर है। और अंत मे सब कुछ उसके राज्य में समा जाएगा। हर घुटना झुकेगा और हर जुबान कबूल करेगी की वह प्रभु है।
हमारे जीवन में जो कुछ भी हो रहा है, पर्मेश्वर उससे घबराता नहीं है। वह बैठा है। जब कोई कार्य पूरा करने के बाद बैठ जाता है वैसे । क्रूस पर यीशु ने उद्धार का सारा कार्य समाप्त कर दिया और कहा, 'पूरा हुआ'। यीशु भी पिता के दाहिने ओर विराजमान हैं।
परमेश्वर की महिमा उसके वस्त्रों में से रिस्ती है। खून की समस्या वाली महिला यीशु के वस्त्र के ऊपरी हिस्से को छूने ही से ही ठीक हो गई। यीशु की सामर्थ उसके कपड़ों के माध्यम से उस महिला में प्रवेश कर गया जिसे उसने विश्वास में छुआ था। यशायाह ने यहोवा के वस्त्र के घेर को मन्दिर मे भरते देखा था। आप ,मैं और हमारी कलीसिया आज परमेश्वर का मंदिर है और हम उसकी महिमा को प्रप्त करने के योग्य हैं।
असाधारण उपासक होने की हमारी यात्रा में आज हमें यह देखने की जरूरत है की परमेश्वर हमारी परिस्थितियों से ऊपर है, सब कुछ उसके नियंत्रण में है और कलीसिया के माध्यम से इस दुनिया में अपनी महिमा को बढ़ा रहा है। क्या आप इसके लिए परमेश्वर को धन्यवाद देंगे और जो कुछ परमेश्वर के पास आपके लिए है उसे प्राप्त करने के लिए विश्वास के साथ तैयार होंगे?
Ìwé mímọ́
Nípa Ìpèsè yìí

यशायाह 6:1-8 पर 5 दिन का अध्याय जो उसके एक भविष्यवक्ता से असाधारण उपासक होने की यात्रा को दर्शाती है।
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