मारकुस 16
16
मृतकोत्थान
1विश्राम-दिवस के समाप्त होने पर मरियम मगदलेनी, याकूब की माता मरियम और सलोमी ने सुगन्धित द्रव्य ख़रीदा, ताकि वे जा कर येशु के शरीर का विलेपन करें।#मत 28:1-8; लू 24:1-12; यो 20:1-10 2वे सप्ताह के प्रथम दिन बहुत सबेरे, सूर्योदय होते ही, कबर पर पहुँचीं।
3वे आपस में यह कह रही थीं, “कौन हमारे लिए कबर के प्रवेश-द्वार पर से पत्थर लुढ़का कर हटाएगा?” 4किन्तु जब उन्होंने ऊपर दृष्टि की तो देखा कि वह पत्थर हटा हुआ है! यह पत्थर बहुत बड़ा था। 5वे कबर के अन्दर गयीं और यह देख कर आश्चर्य-चकित रह गयीं कि श्वेत वस्त्र पहने एक नवयुवक दाहिनी ओर बैठा हुआ है। 6किन्तु उसने उनसे कहा, “आश्चर्य-चकित मत हो! आप लोग नासरत-निवासी येशु को ढूँढ़ रही हैं, जो क्रूस पर चढ़ाए गये थे। वह जी उठे हैं। वह यहाँ नहीं हैं। देखिए, यही जगह है, जहाँ उन्होंने उनको रखा था। 7परन्तु जाइए और उनके शिष्यों और पतरस से कहिए कि वह आप लोगों से पहले गलील प्रदेश जाएँगे। वहाँ आप लोग उनके दर्शन करेंगे, जैसा कि उन्होंने आप लोगों से कहा था।”#मक 14:28 8वे कबर से बाहर निकलीं, और वहाँ से भाग गयीं; क्योंकि आतंक और अचंभे ने उन्हें आक्रांत कर दिया था। उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा; क्योंकि वे भयभीत थीं#16:8 कुछ अति प्राचीन प्रतियों में ‘सन्त मारकुस के अनुसार शुभ समाचार’ का अन्त यहीं होता है।...।
शुभ समाचार का एक प्राचीन उपसंहार मरियम मगदलेनी को दर्शन
[ 9सप्ताह के प्रथम दिन प्रात:काल जी उठने पर येशु ने पहले मरियम मगदलेनी को दर्शन दिया। उसमें से उन्होंने सात भूतों को निकाला था।#लू 8:2; यो 20:11-18 10उसने जा कर उनके अनुयायियों को यह समाचार सुनाया, जो शोक में डूबे हुए थे और विलाप कर रहे थे। 11किन्तु जब उन्होंने यह सुना कि येशु जीवित हैं और उसे दिखाई दिये हैं, तो उन्होंने इस बात पर विश्वास नहीं किया।
दो शिष्यों को दर्शन
[ 12इसके पश्चात् उनमें से दो शिष्य किसी गाँव को जा रहे थे। येशु ने उन्हें मार्ग में भिन्न रूप में दर्शन दिया।#लू 24:13-35 13उन्होंने लौट कर शेष शिष्यों को यह समाचार सुनाया, किन्तु शिष्यों को उन दोनों पर भी विश्वास नहीं हुआ।
शिष्यों का प्रेषण
[ 14इसके बाद येशु ने ‘ग्यारह’ प्रेरितों को उनके भोजन करते समय दर्शन दिया और उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए उनकी भत्र्सना की;#लू 24:36-49; यो 20:19-23 क्योंकि उन्होंने उन लोगों पर विश्वास नहीं किया था, जिन्होंने येशु को उनके जी उठने के बाद देखा था।#1 कुर 15:5 15तब येशु ने उन से कहा, “संसार के कोने-कोने में जाओ और प्रत्येक प्राणी को शुभ समाचार सुनाओ।#मत 28:18-20 16जो विश्वास करेगा और बपतिस्मा ग्रहण करेगा, वह बचाया जाएगा। जो विश्वास नहीं करेगा, वह दोषी ठहराया जाएगा।#प्रे 2:38 17विश्वास करने वालों के साथ ये चिह्न होंगे : वे मेरा नाम ले कर भूतों को निकालेंगे, वे नई-नई भाषा बोलेंगे#प्रे 16:18; 2:4,11; 10:46 18और साँपों को हाथ से उठा लेंगे। यदि वे विष पिएँगे, तो उस से उन्हें कोई हानि नहीं होगी। वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और रोगी स्वस्थ हो जाएँगे।”#लू 10:19; प्रे 28:3-6; याक 5:14-15
स्वर्गारोहण
[ 19प्रभु येशु अपने शिष्यों से बातें करने के बाद स्वर्ग में उठा लिये गये और परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हो गये।#लू 24:50-53; प्रे 1:4-11; 1 तिम 3:16; भज 110:1; प्रे 7:55; 2 रा 2:11
20तब शिष्य बाहर जाकर सब जगह संदेश सुनाने लगे। प्रभु येशु उनके साथ कार्य करते रहे और साथ-साथ घटित होने वाले चिह्नों द्वारा शुभ समाचार को प्रमाणित करते रहे।]#इब्र 2:4
एक और प्राचीन उपसंहार
[( 9स्त्रियाँ पतरस तथा उसके साथियों के पास गईं और जो बातें उनसे कही गई थीं उनका संिक्षप्त विवरण उन्हें दिया। 10इसके पश्चात् स्वयं येशु ने शाश्वत उद्धार का पवित्र तथा अमर शुभ संदेश अपने शिष्यों के द्वारा पूर्व से पश्चिम तक भेजा।) ]
Àwon tá yàn lọ́wọ́lọ́wọ́ báyìí:
मारकुस 16: HINCLBSI
Ìsàmì-sí
Pín
Daako

Ṣé o fẹ́ fi àwọn ohun pàtàkì pamọ́ sórí gbogbo àwọn ẹ̀rọ rẹ? Wọlé pẹ̀lú àkántì tuntun tàbí wọlé pẹ̀lú àkántì tí tẹ́lẹ̀
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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